सिटी थाना पुलिस ने सेनिटाइजर के नाम पर फर्श साफ करने वाला केमिकल भरकर बेचने के आरोप में रोहतक की मल्होत्रा फर्म के संचालक भारत भूषण मल्होत्रा को तफ्तीश में शामिल करके गिरफ्तार किया। इसे अदालत में पेश किया जहां से जमानत मिल गई। इससे पहले कटला रामलीला स्थित रक्षित फार्मा का संचालक मनोज यादव गिरफ्तार हो चुका है। उसके पास एफडीएस की छापामारी के दौरान 500-500 एमएल की 10 बोतल बैक्टोरब ब्लू नामक हैंड सेनिटाइजर-डिसइंफेक्टेंट मिला था।
वहीं, यह सेनिटाइजर बनाने वाली दमन स्थित रमन एंड वेल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के एमडी हितेन प्रवीण शाह, डायरेक्टर भोविल निहिल शाह और एक अन्य कंपनी डायरेक्टर के विरुद्ध धारा एसेंशियल कॉमोडिटिस एक्ट 1955 में सेक्शन 7, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 51, 188, 34 और 420 के तहत केस दर्ज हुआ था। कंपनी पदाधिकारियों ने केस खारिज के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर याचिका दायर कर रखी है।
गौरतलब है कि 2 जून को छापामारी हुई थी। एफडीए के ड्रग कंट्रोलर डॉ. सुरेश चौधरी ने बताया था कि एक सूचना मिली थी कि सेनिटाइजर के नाम पर डिसइंफेक्टेंट बेचा जा रहा है। 500 लीटर की बोतल पर 630 रुपये अंकित है। चौधरी ने सीनियर ड्रग कंट्रोलर डॉ. रमन श्योराण, आईएलएम सतबीर सिंह को साथ लेकर एफडीए आयुक्त अशोक मीणा, एडीसी 1 मनमोहन तनेजा, एसडीसी एनके आहुजा के मार्गदर्शन में रक्षित फार्मा पर छापा मारा था।
तब कई तरह की खामियां पकड़ में आईं थी। 500-500 एमएल की 10 बोतल मिली थी। सरकार ने 500 एमएल सेनिटाइजर का रेट 250 रुपये फिक्स हुआ है मगर हैंड रब डिसइंफेक्टेंट की बोतल पर 630 रुपये अंकित मिला। हैंड सेनिटाइजर या एंटी सेप्टिक उत्पाद बेचने के लिए ड्रग लाइसेंस अनिवार्य है जोकि इसके पास नहीं था।
फार्मा संचालक मनोज यादव ने पूछने पर बताया था कि रोहतक स्थित मल्होत्रा ट्रेडर्स फर्म से माल खरीदा था। ऐसे में रोहतक एफडीए टीम को मामले से अवगत उक्त फर्म पर एक्शन करवा दिया। दोनों ही जगहों से 250-250 रुपयों के बिल मिले लेकिन बोतल पर रेट 630 अंकित था।
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