मलेरिया विभाग में कार्यरत कोरोना वॉरियर्स। ये आपको महामारी से बचाने के लिए अपनों से दूर रहकर दिन-रात सेवारत हैं। कई कर्मचारी तो ऐसे हैं जोकि 2 माह से घर नहीं गए हैं। कोई तो अपने नौनिहालों को गोद में उठाकर लाड़-प्यार तक करने को तरस गए हैं। एक स्टोर इंचार्ज ऐसा भी जिसने कोरोना को हराने के बाद शादी का प्रण लिया है। इन वॉरियर्स की विभागीय व्यवस्था के अलावा फील्ड तक में ड्यूटी है।
यूं कहें कि अभी तक हिसार को कोरोना के कहर से बचाने में मलेरिया विभाग के एमपीएचडब्लू विंग की अहम भूमिका है। हॉट स्पॉट जिलों, राज्याें और विदेश से आने वालों पैसेंजर्स की निगरानी से लेकर संदिग्ध रोगियों और उनके संपर्क वालों को तलाशकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा रहे हैं। पढ़िए...वॉरियर्स के किस्से।
आशीष कुमार, एमपीएचडब्लू : कोरोना काल में 20 मार्च से लगातार 24 घंटे ऑन ड्यूटी, डेढ़ माह से परिवार वालों से दूर
20 मार्च से लगातार 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं। विदेशों से लौटे यात्रियों के होम क्वारेंटाइन की प्रक्रिया से लेकर उनकी सभी प्रकार की शिकायतों का समाधान करवाने का दायित्व शिद्दत से निभा रहे हैं। इनका एक 7 साल तो दूसरा 3 साल का बच्चा है। करीब डेढ़ माह से अपने परिवारजनों से दूर रहकर ड्यूटी के प्रति बखूबी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। शहर से आई सभी प्रकार की शिकायतों के समाधान के लिए जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पूनिया टीम के प्रमुख सदस्य हैं।
राजकुमार, एमपीएचडब्लू : सुरक्षा जरूरी इसलिए दूर से बच्चों संग करते हैं मस्ती, घर में दो छोटी बेटियां
घर में दो छोटी बेटियां हैं। इन्हें गोद में लेकर लाड़-प्यार को तरस गए हैं। एक बेटी 2 साल और दूसरी 6 साल की। 2 महीने से बिना छुट्टी लिए ड्यूटी पर हैं। घर जाने से पहले खुद को सेनेटाइज करके प्रवेश करते हैं। क्योंकि छोटे बच्चों के साथ घर में वृद्ध माता-पिता को संक्रमण से बचाना है। परिवार के साथ-साथ देश के प्रति कर्तव्य सबसे पहले आता है। विदेशी यात्रियों के होम को क्वारेंटाइन करने और शिकायतों पर कार्रवाई करने में विशेष भूमिका अदा कर रहे हैं।
अनूप सिंह, एमपीएचडब्लू : कोई भी शिकायत आने पर 24 घंटे ड्यूटी करने को तत्पर दो बच्चों के पिता
दो बच्चों के पिता हैं। अपनी विभागीय जिम्मेदारी निभाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। रात-दिन ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। किसी भी शिकायत आने पर 24 घंटे ड्यूटी करने के लिए तत्पर रहते हैं। पिता स्वास्थ्य विभाग से ही में कार्यरत थे। एक भाई भारतीय सेना में सब इंस्पेक्टर के पद पर है। दूसरा भाई सिंचाई विभाग में जेई है। गांव में संयुक्त परिवार है। गांवों में परिजनों से मिले 2 माह हो गए हैं। संकट की घड़ी में सेवा करने में अलग ही आनंद की अनुभूति हो रही है।
दलबीर सिंह, स्टोर ईंचार्ज : शादी अभी नहीं, 10 फीसदी वेतन कर रहे दान, घर में वृद्ध मां की सताती है चिंता
कोरोना से जंग के चलते ड्यूटी का स्वरूप बिलकुल बदल गया है। अब किसी भी समय कोई भी टीम किसी जोन में जाती है तो उसी समय स्टोर में पहुंचकर सप्लाई देने के लिए 24 घंटे ड्यूटी पर मुस्तैद रहते हैं। अन्य प्रोग्राम जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस, आईडीएसपी सेल, डीपीएचएल लैब, एसएसएच लैब की सप्लाई के कार्य का भी दायित्व निभा रहे हैं। घर में वृद्ध मां है। मां की चिंता रोज सताती है। कर्मभूमि रूपी माता की सेवा परम धर्म है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3cuRQde
via IFTTT