
चंडीगढ़ से बिहार के मधेपुरा की दूरी करीब 1500 किलोमीटर है। वहां के प्रमोद कुमार चंडीगढ़ में रोजगार के लिए गए थे। वे हर दिन चंडीगढ़ के लेबर चौक पर जाते थे और रोजगार मिल जाता था। लॉकडाउन होने के बाद रोजगार नहीं मिला। अब तक उम्मीद में थे कि लॉकडाउन खुलेगा, लेकिन नहीं खुला। इससे फैसला लिया कि घर ही जाना है। पैदल जाने की प्लानिंग बनाई, लेकिन 1500 किलोमीटर दूरी सोचकर पीछे हटना पड़ा। उन्होंने साइकिल पर जाने का फैसला लिया, लेकिन साइकिल नहीं थी। इसके बाद घर से पैसे मंगवाए गए। पांच हजार रुपए मंगवाए। चार हजार रुपए की नई साइकिल खरीदी और एक हजार रुपए खर्च के लिए जेब में रखे। नई साइकिल पर घर के लिए चल दिए। रास्ते में न चंडीगढ़ पुलिस ने रोका और न ही पंजाब पुलिस ने। हरियाणा से यूपी जाने लगे तो कलानौर बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया। पुलिस ने वापस भेज दिया। साइकिल पर चलने वाले अकेले प्रमोद नहीं है। हजारों की संख्या में प्रमोद जैसे प्रवासी हैं जोकि पैदल, साइकिल और मोटरसाइकिल पर चल रहे हैं। न तो उनके सोने का ठिकाना है और खाने का इंतजाम। पुलिस की गालियों और लाठियों के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिल रहा। यमुनानगर के नए बने बाइपास पर दिनभर यूपी की तरफ जाने वाले प्रवासियों की लाइन लगी रहती है। ये प्रवासी पंजाब और चंडीगढ़ से आ रहे हैं। वहां उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।
साइकिल को ही बनाया गाड़ी| यूपी के हरदोई निवासी अनिल कुमार परिवार के करीब 40 लोगों के साथ पैदल ही लुधियाना से चले हुए हैं। वे हमें दोपहर करीब एक बजे यमुनानगर बस स्टैंड के पास मिले। उन्होंने साइकिल पर इतना अधिक सामान लादा हुआ है, जितना एक चारपहिया वाहन में आए। ये लोग करीब 12 दिन से चले हुए हैं। उनका कहना है कि अगर उन्हें रास्ते में कहीं पर खाना मिल जाए तो ठीक है, नहीं तो अपना बना लेते हैं। लुधियाना में लॉकडाउन होने से रोजगार चला गया था। इस वजह से उन्हें अपने घर जाना पड़ रहा है।
प्रवासियों से लूट और वसूली भी होने लगी| यूपी के श्रावस्ती जिला के रहने वाले जगदीश और तुलाराम पैदल लुधियाना से चले हुए हैं। कलानौर तक पहुंच गए। उन्होंने बताया कि यमुनानगर में एक ऑटो में सवार दो लोग मिले। उन्हें कहा कि वे आगे छोड़ देंगे। ऑटो में बैठ गए। सुनसान जगह पर ले जाकर उनसे पैसे छीन लिए। करीब 600 रुपए छीने हैं। इसी तरह एक ऑटो चालक करीब 15 श्रमिकों को लेकर कलानौर बाॅर्डर की तरफ चला। कलानौर चौकी पर पुलिस को ऑटो पीछे ही रोक लिया। इसके बाद उन सभी से पूरा किराया ले लिया। इसी दौरान वहां पर पुलिस आ गई। प्रवासी तो वहां से फरार हो गए, लेकिन ऑटो को पुलिस ने पकड़ लिया। इस तरह से प्रवासी किसी को चाहकर भी शिकायत नहीं कर पा रहे।
पुलिस ने हाइवे पर लगाया एक और नाका| नए बने बाइपास पर लगातार प्रवासियों को जाना जारी है। बॉर्डर पर पुलिस को देखकर प्रवासी इधर-उधर को निकल जाते थे। लेकिन अब पुलिस ने खजूरी रोड चौक पर भी नाका लगा दिया है। यहीं पुलिस उन्हें रोक देती है और वापस भेज देती है। हर दिन इस हाइवे पर पुलिस 300 से 400 लोगों को रोकती है।
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