
सीडीएलयू ओर से ऑफलाइन एग्जाम को लेकर जारी नोटिफिकेशन को लेकर इनसो ने मंगलवार को यूनिवर्सिटी के उपकुलपति के नाम रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा। जिसमें यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेशन का पुरजोर विरोध किया गया। इनसो जिलाध्यक्ष अमन गिल ने कहा कि यह नोटिफिकेशन किसी भी रूप में विद्यार्थियों के हित में नहीं है।
उन्होंने मांग उठाई कि प्रदेशभर में कोरोना के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके मद्देनजर विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाए। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि विश्वविद्यालय आगामी 1 जुलाई से ऑफ लाइन परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए बाकायदा यूनिवर्सिटी ने नोटिफिकेशन भी जारी किया है, लेकिन इस नोटिफिकेशन में यूजीसी द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया गया।अमन गिल ने ज्ञापन के माध्यम से मांग उठाई कि यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार विद्यार्थियों के हित के मद्देनजर परीक्षाओं में दो प्रकार के उपाय सुझाए गए थे।
यूजीसी ने कहा था कि यूनिवर्सिटी अपने स्तर पर एक जुलाई से ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित कर सकती हैं, लेकिन इससे पूर्व 2 सप्ताह तक विद्यार्थियों की कक्षाएं आयोजित की जाएं, ताकि विद्यार्थी परीक्षा के सिलेब्स को समझ सकें। लेकिन यूनिवर्सिटी के नोटिफिकेशन में इन कक्षाओं का कोई जिक्र नहीं किया गया है, जो विद्यार्थियों के भविष्य से सीधा खिलवाड़ है। कोविड-19 के चलते यूनिवर्सिटी में 5 मार्च तक ही कक्षाएं लग पाई थीं।
इसके बाद कक्षाएं स्थगित हो गई थी, जिसके चलते पाठयक्रम का एक तिहाई हिस्सा भी पूरा नहीं हो पाया था। वहीं लॉकडाउन में ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित की गई, लेकिन यह शिक्षा प्रणाली ज्यादा प्रभावशाली साबित नहीं हुई।इनसो ने मांग की कि यूजीसी द्वारा विद्यर्थियों को उत्तीर्ण करने के दूसरे माध्यम यानि पिछले सेमेस्टर की परीक्षा परिणामों के आधार पर 50 प्रतिशत अंक गिने जाएं और बचे हुए 50 प्रतिशत अंक इंटरनल असेसमेंट के आधार पर निर्धारित कर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाए। अगर यह संभव नहीं है तो 5 मार्च तक कवर हुए पाठयक्रम के आधार पर ही परीक्षाओं का आयोजन किया जाए, जो एमसीक्यू टाइप ओएमआर सीट पर हो। वहीं परीक्षा का समय 3 घंटे से घटाकर 2 घंटे किये जाने की मांग की गई।
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