9वीं से 12वीं तक के 6.5 लाख विद्यार्थियों को टैब देने की तैयारी

(सुशील भार्गव)कोरोना कम होने का नाम नहीं ले रहा। सबसे बड़ी दिक्कत पढ़ाई में आ रही है। पहली से 12वीं तक के करीब पौने तीन लाख विद्यार्थी रोजाना ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं। पढ़ाई बदस्तूर जारी रहे, इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट्स को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। विभाग की ओर से फाइल तैयार की है।

यदि कोरोना के केस कम नहीं हुए तो 9वीं से 12वीं कक्षा तक के करीब 6.5 लाख विद्यार्थियों को सरकार की ओर से टैब उपलब्ध कराए जाएंगे, क्योंकि इन चारों कक्षाओं में विभिन्न स्ट्रीमों में बच्चे पढ़ते हैं। इसके बाद ही कॉलेज स्तर की पढ़ाई शुरू होती है। शिक्षा विभाग की योजना सिरे चढ़ते ही यह टैब विद्यार्थियों को मुफ्त में दिए जाएंगे। ऐसे में उन विद्यार्थियों को अधिक लाभ होगा, जिनके पास फिलहाल स्मार्ट फोन भी नहीं है।

बता दें कि अगस्त-सितंबर में भी स्कूल खोलने की योजना सिरे चढ़ती नहीं दिख रही। सबसे अधिक नौंवी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाई का नुकसान होगा। विभाग ने ढाई से तीन हजार रुपए कीमत के टैब खरीदने की योजना बनाई है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर का कहना है कि शिक्षा विभाग इन टैब में अपने हिसाब से बदलाव करवाएगा। इनमें केवल विद्यार्थियों की पढ़ाई से जुड़ी एप ही होंगी। विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे खर्चे का अनुमान लगाएं, ताकि इस बारे में जल्द फैसला लिया जा सके।

15-15 बच्चे रोटेशन में बुला सकते हैं : शिक्षा विभाग योजना बना रहा है कि राजकीय स्कूलों में कोरोना का खतरा कम है, क्योंकि अधिकांश स्कूल गांवों में हैं, जहां कोरोना का खतरा कम है। हर स्कूल में चाहे गांव में हो या शहर में रोजाना रोस्टर में 15-15 बच्चों को बुलाया जा सकता है। थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन कराकर स्कूल खोले जा सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या कोरोना के केस कम होने चाहिए। कोरोना केस कमी की ओर जाएंगे, तभी स्कूल खोले जा सकेंगे।

प्रदेश में भी कम होगा 9वीं से 12वीं कक्षाओं का सिलेबस
प्रदेश के राजकीय स्कूलों में 9वी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों का सिलेबस सीबीएसई की तर्ज पर कम किया जाएगा। यह संकेत शिक्षा मंत्री ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा हरियाणा बोर्ड में किया जा सकता है, क्योंकि पढ़ाई के दिन निकल रहे हैं और सिलेबस पूरा नहीं हो पाएगा। दूसरी ओर सर्दियों की छुटि्टयां भी स्कूलों में नहीं होंगी। सरकार इस पर निर्णय ले चुकी है। यदि अगले माह से स्कूल खोले जाते हैं तो शनिवार का अवकाश भी रद्द किया जा सकता है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि महामारी के चलते प्रदेश के सभी स्कूल 15 मार्च से बंद हैं। ऑनलाइन कक्षाओं से रेगुलर कक्षाओं की तरह पढ़ाई नहीं हो पाती, जितनी पूरा सिलेबस कराने के लिए होनी चाहिए। स्टूडेंट्स पर दबाव कम करने के लिए सीबीएसई की तरह 9वी से 12वीं कक्षा तक का सिलेबस कम से कम 50 प्रतिशत घटाया जाए, ताकि बच्चे तैयारी कर सकें।



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प्रतीकात्मक फोटो


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