दिल्ली-जयपुर हाईवे-48 स्थित निखरी पुल पर मंगलवार को केमिकल से भरे एक टैंकर ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को टक्कर मार दी। टक्कर से ट्रैक्टर-ट्राली पुल से नीचे जा गिरी। इसके बाद टैंकर भी ट्रॉली पर ही गिर पड़ा। इस भीषण दुर्घटना में 4 साल के मासूम की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसके पिता और दादी घायल हो गए। इस घटना के 6 घंटे बाद फिर एक घटना हुई।
टैंकर के केमिकल से ट्रॉली में भरे गेहूं और सड़क के आसपास बिखरे केमिकल को यहां से गुजर रहे गायों के डेरे ने खा लिया। इससे बड़ी संख्या में गायों की मौत हो गई। स्थानीय लोगों की मानें तो करीब 50-60 गायों के शव सड़क पर पड़े नजर आए। कई घंटों तक सड़क से केमिकलयुक्त गेहूं नहीं उठाने को लेकर लोगों ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। देर रात तक पुलिस प्रशासन शवों को उठाने में जुटा रहा।
20 फीट से ज्यादा ऊंचाई से गिरे वाहन
गांव बालावास जाट निवासी आदेश ट्राली में गेहूं भरकर धारूहेड़ा क्षेत्र के गांव गढ़ी महेश्वरी जा रहे थे। आदेश के साथ उनकी मां बर्फी देवी व 4 वर्षीय बेटा वंशु भी था। दिल्ली-जयपुर हाईवे होते हुए वे गुजर रहे थे। दोपहर करीब 2 बजे वे लोग निखरी पुल के पास पहुंचे। यहां पीछे से आ रहे केमिकल से भरे टैंकर ने जोरदार टक्कर मारी। टक्कर के चलते ट्रैक्टर-ट्राली रेलिंग तोड़ते हुए पुल से ही नीचे आ गिरे। 20 फीट से ज्यादा ऊंचाई से गिरने के चलते ट्रैक्टर-ट्रॉली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मगर उस पर भी केमिकल से भरा कैंटर आकर गिर पड़ा। जिससे ट्रॉली का पूरी तरह कचूमर निकल गया। यह केमिकल इतना जहरीला था कि घटना के वक्त आसपास पहुंचे लोगों की आंखों तक में जबरदस्त जलन शुरू हो गई।

दिल्ली-जयपुर हाईवे 48 स्थित निखरी पुल पर भीषण हादसा, बच्चे के पिता व दादी घायल
सवाल
1. दोपहर 2 बजे घटना, 6 घंटे बाद तक गेहूं सड़क पर पड़ा रहा। इतने समय में भी गेहूं न उठाने के लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार।
2. लोगों के अनुसार 50-60 गायें मरी, पुलिस ने लोगों को वहां से भगाना शुरू कर दिया। पुलिस ने अनुमानित 30 गायों की मौत बताई।
3. हादसे के बाद पुलिस लोगों शव निकलवाने आदि में लोगों की मदद लेती रही। गायें मरी तो भगाती रही।
गायें चलती-चलती गिरती गईं, 500 मी. तक दिखे शव
दमकल गर्मियों ने पानी से सड़क को साफ भी किया, मगर गेहूं और केमिकलयुक्त पानी और गेहूं सड़क के आसपास बिखरे रहे। रात करीब 8 बजे के बाद राजस्थान के जालौर के रहने वाले चरवाहों की गायों का डेरा वहां से गुजर रहा था। गाएं खास के साथ ही सड़क पर गेहूं भी खाती हुई निकल रही थी। सड़क के आसपास जमा केमिकलयुक्त पानी को भी पीया। इससे कुछ ही देर में चलते हुए गाएं गिरनी शुरू हो गई। देखते-देखते 500 मीटर तक गायों शव बिछ गए। स्थानीय लोगों के अनुसार 50 से 60 गायों की मौत हुई है।
दो जानें बची... मां-बेटा उछलकर दूर जा गिरे
जैसे ही कैंटर ने टक्कर मारी तो आदेश और उनकी मां उछलकर सड़क पर जा गिरे और वाहनों की चपेट में आने से बच गए जबकि मासूम वंशु पहले पुल की रेलिंग, फिर ट्रॉली के नीचे दब गया। उस पर कैंटर भी गिर पड़ा। इससे बच्चे के बचने की कोई संभावना नहीं बची थी। उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जेसीबी की मदद से उसका शव निकाला गया। बताया जा रहा है कि आदेश के वंशु इकलौता बेटा था। जबकि एक करीब 6 वर्षीय बेटी है।
सीधी बात :मनोज कुमार, एसएचओ धारूहेड़ा
Q. हादसे के पीछे किसकी लापरवाही है?
A. हादसे में एक बच्चे की मौत हुई है। कैंटर चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। गायों की मौत में भी उसी की लापरवाही है।
Q. खतरनाक केमिकल के बाद घटना हुई, ये चूक?
A. इसमें भी कैंटर चालक की ही नेगलेजेंसी है। आम आदमी को नहीं पता केमिकल कितना खतरनाक है। उसे यहां कोई आदमी छोड़ना चाहिए था। मगर वो हादसे के बाद ही भाग गया।
Q. गायों ने गेहूं खाया या केमिकल पीया ?
A. ये जांच का विषय है। क्योंकि अभी स्पष्ट नहीं है। जांच के बाद ही इस बारे में ठीक-ठीक कहा जा सकता है।
Q. कितनी गायें मरी हैं?
A. करीब 30 मर चुकी हैं। कुछ की हालत अभी भी सीरियस है
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