लॉकडाउन तोड़ने की अब तक करीब 154 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। पिछले 5 दिन में सबसे ज्यादा एफआईआर हुई हैं। इनमें से सबसे ज्यादा बाइकर्स हैं, जो बिना किसी संतोषजनक वजह या अनुमति के बाहर घूमते मिले। हालांकि ज्यादातर एफआईआर में यही दर्ज हो रहा कि घूमने वाला कोई संतोषजनक वजह नहीं बताया है लेकिन लोग जो बहाने गिना रहे हैं, वो ऐसे-ऐसे हैं कि सुनकर हंसी आ जाए।
1. घर बैठे बोर हो गया था तो सोचा सिगरेट का कश लगा आऊं | नाहन हाउस चौक पर घूम रहे जोगीवाड़ा मोहल्ले के गौरव को पुलिस ने बाहर घूमने का कारण पूछा तो जवाब था-घर पर बैठ-बैठ कर बोर हो गया था। सिगरेट पीने के लिए बाहर घूमने आ गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।
2. एक्टिवा का इंजन जाम न हो जाए, इसलिए राउंड दिलाने निकला हूं| अग्रसेन चौक बिना नंबर की एक्टिवा पर दो युवक घूम रहे थे। हेडकांस्टेबल ने उन्हें रोका तो उन्होंने खुद को काजीवाड़ा का बताया। उनका तर्क सुनकर पुलिस वाले भी दंग रह गए। उनका कहना था कि एक्टिवा का इंजन जाम न हो जाए, इसलिए राउंड मार रहे हैं।
3. हम तो सड़क पर रौनक देखने आए थे | दो खंबा चौक पर पुलिस ने 4 युवकों को बिना मास्क खड़े देखा। उनसे पूछा क्यों खड़े हो तो जवाब मिला-घर में बैठे रहते हैं, अब सड़क पर रौनक देखने बाहर आए थे। चारों पर एफआईआर दर्ज हो गई।
4. अंकल जी, कई दिन से बाइक नहीं चलाई थी | पुलिस ने सेक्टर-9 व 10 में यामहा बाइक पर घूम रहे युवक को रोका। पकड़ा गया तो बोला-अंकल जी, कई दिन से बाइक नहीं चलाई थी, बस इसलिए आ गया। युवक ने विधायक को भी अंकल बताया। एफआईआर दर्ज हो गई। पकड़े जाने पर फोन मिलाने लगते हैं | पुलिस कर्मियों ने बताया कि ज्यादा युवक पकड़ने जाने पर किसी न किसी को फोन मिलाने लगते हैं। कोई खुद को विधायक का जानकार बताता है तो कोई डीसी ऑफिस के कर्मचारी का रिश्तेदार।
यह जान लें -जो धाराएं लग रही, 2 साल तक की सजा हो सकती है
- धारा 188...धारा 144 का उल्लंघन करने पर यह धारा लगती है। 6 माह तक की सजा हो सकती है।
- धारा 269...कोई व्यक्ति कानून के खिलाफ जाकर या नियमों की अवहेलना कर ऐसा कोई काम करेगा जिससे कि किसी संक्रमण या बीमारी से जनता के जीवन के लिए संकट खड़ा हो सकता है या रोग फैलने की संभावना हो।
- धारा 270...किसी द्वेषपूर्ण कार्य से जिससे किसी के जीवन के लिए संकट खड़ा हो और रोग के फैलने की संभावना बढ़ जाए। इन धाराओं में 6 माह से 2 साल तक की सजा व जुर्माना हो सकता है।
- डायजेस्टर मैनेजमेंट की धारा 51...अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी को आपदा के दौरान उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोकता है, उनके काम में बाधा डालता है, सरकारों द्वारा दिए निर्देशों को मानने से इनकार करता है। ऐसे व्यक्ति को एक साल की कैद और जुर्माना लगाकर दंडित किया जा सकता है। लेकिन अगर उस व्यक्ति के कारण किसी को क्षति पहुंचती है तो ये सजा दो साल तक कैद और जुर्माने में बदल सकती है।
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