हरियाणा के लिए शनिवार का दिन गौरवान्वित करने वाला रहा। प्रदेश के 39 युवाओं ने देहरादून में पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। यह युवा सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश की रक्षा करेंगे। जानिए... इन युवाओं की कहानियां।
गांव संतोखपुरा निवासी युवा पंकज किन्हा के लेफ्टिनेंट पद पर चयनित होने पर ग्रामीणों व क्षेत्र के मौजिज व्यक्तियों ने खुशी जाहिर की है। यह पंकज के परिवार की लगातार चौथी पीढ़ी है, देश रक्षा के लिए सेना में जाकर राष्ट्र के लिए अपनी सेवाएं देगी। इस युवा के पिता कप्तान सिंह बतौर सूबेदार वर्तमान में मेरठ में देश को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
भाई मंदीप किन्हा ने बताया कि पंकज का शुरू से ही सपना देश रक्षा के क्षेत्र में जाने का रहा है। इस युवा को शनिवार को देहरादून में पासिंग आउट परेड के दौरान मार्च पास्ट की सलामी लेते हुए चीफ ऑफ आर्मी ने यह उपलब्धि प्रदान की। मंदीप किन्हा ने बताया कि उनके पड़दादा सावल व बूरू देश की आजादी की लड़ाई लड़ी थी। वे जाट रेजिमेंट में तैनाम थे।
उनके दादा पूर्व हवलदार जागेराम ने राजपुताना राइफल्स में देश की सेवा करते हुए आजादी में सहयोग दिया। उनके दूसरे दादा एवं संतोखपुरा के सरपंच रहे रामकला ने भी देश सेवा की। पूर्व उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने स्वयं उन्हें देश सेवा के लिए 1987 में प्रथम सरपंच के खिताब से नवाजा था।
आर्मी में रहे दादा का सपना दो चचेरे भाइयों ने लेफ्टिनेंट बनकर किया पूरा
गांव पाकस्मा निवासी एक ही परिवार के दो चचेरे भाई आकाश व अभिजीत शनिवार काे देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। दोनों ने बताया कि उनके दादा का सपना था कि वाे सेना में जाएं और देश सेवा करें। आकाश और अभिजीत की प्राथमिक शिक्षा रोहतक के निजी स्कूल में हुई है। आकाश के पिता नरेंद्र राणा हरियाणा टूरिज्म डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं। इस समय वे महम के इंचार्ज हैं।
आकाश की मां राजरानी दिल्ली में पीजीटी के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, अभिजीत के पिता डाॅ. सुरेंद्र राणा सोनीपत स्थित जाट कालेज के प्राचार्य पद पर तैनात हैं। अभिजीत की मां डाॅ. वंदना राणा दिल्ली में पीजीटी हैं। दोनों की ननिहाल झज्जर जिले के गांव डीघल में हैं। दादा चौधरी रणधीर सिंह भी सेना में रहे हैं। इनकी भी दादी शिक्षिका के पद से सेवानिवृत हैं।
देश सेवा की भावना ने उद्योगपति के बेटे काे बना दिया भारतीय सेना में अफसर
हिसार।काेशिश करने वालाें की कभी हार नहीं हाेती। यह कथन शहर के उद्योगपति प्रवीण बंसल के बेटे नमन बंसल पर सही साबित हाेते हैं। नमन अपने परिवार के पहला सदस्य हैं, जाे भारतीय सेना में गया है। अब तक नमन का पूरा परिवार उद्योग से जुड़ा है, लेकिन देश सेवा के लिए फ्रंटलाइन में रहकर कार्य करने की भावना के चलते नमन भारतीय सेना में अफसर बने। नमम ने अपने परिवार की परंपरा से अलग चलते हुए खुद का रास्ता बनाने की ठानी और परिवार का पहला सेना अधिकारी बन गए।
बता दें कि नमन इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित प्रदीप मिल स्टोर के संचालक प्रवीन बंसल के पुत्र व दिल्ली आसाम रोडवेज के निदेशक प्रदीप बंसल के भतीजे हैं। इनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ है। नमन काे शनिवार काे आईएमए की ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी देहरादून में हुई पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट के पद पर शपथ दिलवाई गई।
इस पर पिता प्रवीन बंसल ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि बेटा परिवार की विरासत से अलग हटकर अपना करियर बनाएगा। 3 साल में एनडीए पास करने के बाद नमन आईएमए देहरादून चला गया और वहां एक साल तक ट्रेनिंग के बाद आज लेफ्टिनेंट बन गया।
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