नगला जट्टान में गंदे पानी की निकासी के लिए नाले की खुदाई शुरू हो गई है। इसकी खुदाई से गांव के लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार भी मिल रहा है। गांव के खेड़े के नजदीक गलियों में गंदे पानी की निकासी न होने से गांव के लोग लंबे समय से परेशान थे।
ग्रामीणों ने बताया कि गलियों में जमा गंदे पानी से कुछ बच्चों के पैरों में स्किन इंफेक्शन भी हो गई थी। इसके अलावा गलियों में जमा पानी मकानों की नींवों को भी नुकसान पहुंचाने लगा था। भास्कर ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद अधिकारियों ने बीडीपीओ साहा की अगुवाई में एक टीम नगला में मौका देखने भेजी थी। इसके बाद बीडीपीओ ने सरपंच को निर्देश दिए कि पंप सेट द्वारा पानी की फौरी निकासी करवाई जाए। पंचायत ने पंप सेट से पाइप लाइन के माध्यम से पानी उतरवाना शुरू कर दिया था, परंतु गांव के कुछ शरारती लोगों ने रात को पाइप लाइन ही काट दी। लोगों ने बीडीपीओ से मांग की कि इस समस्या का स्थाई समाधान करवाया जाए। इस पर प्रशासन ने एक नाले की खुदाई का निर्णय लिया।
हालांकि गांव के कुछ लोगों ने कहा कि नाले की चौड़ाई सब जगह बराबर नहीं खोदी जा रही, जिस से नाले को बनाने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। दूसरी तरफ सरपंच रामसिंह ने कहा कि प्रशासन के निर्देश पर नाला बन रहा है व नाले की चौड़ाई गहराई सब निर्देश अनुसार ही की जा रही है।
मनरेगा के तहत काम शुरू करवाने के चलते शनिवार को बहुत से लोग जबरदस्ती काम पर आ गए, जिस कारण नियमानुसार सोशल डिस्टेंसिंग नहीं हो पा रही थी। इसके बाद अधिकारियों ने काम बंद करवा दिया। अब 20 से 25 लोग ही मनरेगा के तहत नाले की खुदाई कर रहे हैं।
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