
राज्य में कोरोना के लगातार मिल रहे मामलों को लेकर सरकार अलर्ट हो गई। सरकार ने अब लोगों की सैंपलिंग में तेजी लाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रदेश में 14 अप्रैल तक 6500 सैंपल का लक्ष्य तय किया है। ताकि स्थिति का आंकलन हो सके। अब तक प्रदेश में 2964 सैंपल लिए जा चुके हैं।मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मंथन किया। जिसमें यह भी तय हुआ कि जिन जिलों में ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहां पर प्रत्येक में 450 सैंपल लिए जाएंगे। इनमें गुड़गांव, नूंह, पलवल और फरीदाबाद जैसे जिले शामिल होंगे। जबकि अन्य प्रत्येक जिले से 125 सैंपल रेंडमली लिए जाएंगे।
14 अप्रैल तक स्थिति हो जाएगी स्पष्ट
ऐसे में लॉकडाउन के आखिरी दिन 14 अप्रैल तक हरियाणा में काफी हद तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। इसके अलावा सरकार की ओर से एक लाख रैपिड टेस्ट किट मंगवाई जा रही है। इससे 15 से 20 मिनट में मरीज की रिपोर्ट मिल जाएगी। इस रिपोर्ट में यदि किसी में कोरोना की संभावना मिलेगी तभी उस का कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के एसीएस राजीव अरोड़ा ने कहा कि रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल के लिए पीजीआई रोहतक में विशेषज्ञों की कमेटी द्वारा गाइड लाइन जारी होगी। उन्होंने बताया कि हिसार के अग्रोहा स्थित महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज और पंचकूला सिविल अस्पताल में जल्द लैब शुरू होगी। उन्होंने बताया कि जहां 15 केस मिलते हैं। वह क्षेत्र हॉट स्पॉट घोषित किया जाता है।
कोरोना से लड़ने के पूरे प्रबंध, डॉक्टर बने हैं सेनापति : सीएम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक में बताया कि इस समय हरियाणा में 22,800 पीपीई किट, 1,02,857 एन-95 मॉस्क और 28,02,406 गलव्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा 5,02, 952 पीपीई किट और 1,03,200 एन-95 मॉस्क के आर्डर की सप्लाई तीन-चार दिनों में हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के साथ बिंदुवार चर्चा की और उन्हें अपने-अपने अस्पतालों में संपूर्ण स्थिति की बारीकी से समीक्षा करने का निर्देश दिया। कोविड रोगियों के उपचार में शामिल सभी लोगों को सभी तरह के सुरक्षा उपकरण प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किए जाएं। मुख्यमंत्री ने डाक्टरों को आहवान करते हुए कहा कि डाक्टर सेनापति के रूप में इस महामारी से लड़ रहा है।
टीमों का गठन कर राज्य को जोन में बांटा: विज
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि रैपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया है। राज्य को अलग-अगल जोन में विभाजित कर दिया है। हर जिले में रैंडम सैंपलिंग की जाएगी, ताकि महामारी से संबंधित सही रिपोर्ट प्राप्त हो सके। ये समय एक प्रकार से युद्ध का समय हैं। एक सूक्ष्म दुश्मन ने देश-प्रदेश और दुनिया पर प्रहार किया है। उन्होंने बताया कि जनता पर निगरानी रखते हुए 15 हजार से अधिक लोगों को क्वारेंटाइन किया है।
सीएचसी, पीएचसी व डिस्पेंसरियों में शुरू होगी ओपीडी
राज्य में सीएचसी, पीएचसी और डिस्पेंसरियों में अब दोबारा ओपीडी शुरू होगी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के डीजी सूरजभान कंबोज की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में डिस्पेंसरियों और पीएचसी पर ओपीडी शुरू की जाए। हालांकि मरीजों का डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए। अस्पतालों में अभी ओपीडी बंद रहेगी। प्रदेश में 17 मार्च को कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद ओपीडी बंद की गई थी।
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