(रत्न पंवार)महामारी के खिलाफ अब सरकार ने जंग तेज कर दी है। इसके चलते अब तक आकाश और अग्नि जैसी मिसाइल के पार्ट्स बनाने वाली कंपनी ने वेंटिलेटर के पार्ट बनाने का जिम्मा उठाया है।
भारत इलेक्ट्रानिक्स कंपनी की बंगलुरु यूनिट ने प्राथमिकता के आधार पर आईसीयू वेंटिलेटर बनाने के काम को शुरू किया है। इन वेंटिलेटर में लगने वाले स्क्रू बनाने की मंजूरी राज्य सरकार की ओर से विशेष तौर पर गुरुवार को दिलवाई गई है, ताकि वेंटिलेटर के काम को तेजी से पूरा करवाया जा सके। देश के लिए भारत इलेक्ट्रानिक्स कंपनी की ओर से करीब 35 हजार आईसीयू वेंटिलेटर बनाए जाने हैं। इसका ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है। इसी के तहत आईसीयू वेंटिलेटर के पार्ट्स बनाने का जिम्मा रोहतक के नए आईडीसी में स्थित एयरो फास्टनर को दिया गया है। कंपनी के साथ विशेष अनुबंध किया गया है। फैक्ट्री को एक महीने में ये सारे ऑर्डर पूरे करने होंगे।
इसराे और रक्षा मंत्रालय के लिए काम करती है कंपनी
रोहतक स्थित एयरो फास्टनर प्रा. लि. कंपनी के एमडी जसमेर लाठर बताते हैं कि लंबे समय से अभी तक वे डीआरडीओ, इसरो और डिफेंस मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी के लिए ही स्क्रू फास्टनर और कम्पोनेंट बना रहे थे, लेकिन लॉक डाउन के चलते इस काम को भी बंद किया हुआ था। अब सरकारी क्षेत्र की कंपनी भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड की ओर से आईसीयू वेंटिलेटर बनाने का फैसला लिया है। बंगलुरु की यूनिट में वेंटिलेटर बनाने का काम प्राथमिक स्तर पर किया जाएगा। जसमेर बताते हैं कि उनके पास इसके लिए विशेष तौर पर ऑर्डर आया है, इसका कारण वेंटिलेटर की अचानक डिमांड बढ़ना है। भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड की ओर से ऑर्डर आते ही आईसीयू वेंटिलेटर के काम को शुरु करवा दिया गया। इसके लिए पंचकुला स्थित कंपनी के अधिकारियों ने भी पहल कर तुरंत मंजूरी केे लिए प्रक्रिया काे पूरा करवा दिया है।
मिसाइल के अलावा सेटेलाइट लांचर में भी प्रयाेग हैं इनके पार्ट्स
एमडी जसमेर लाठर ने बताया कि उनकी कंपनी अब तक अग्नि, आकाश, अस्तरा के अलावा काफी मिसाइल के लिए स्क्रू फास्टनर और कंपोनेंट तैयार कर चुके हैं। इसके अलावा एंटी सेटेलाइट मिसाइल के लिए, इसरो के सेटेलाइट लांचर के लिए कंपोनेंट्स बनाने का काम लंबे समय से कर रहे हैं। इससे पहले ईवीएम और वीवीपैट बनाने वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र की कंपनी के लिए भी काम किया है। अब पहली बार वेंटिलेटर के लिए कंपोनेंट बनाने का जिम्मा मिला है तो गर्व महसूस हो रहा है कि अब तक देश की बाहरी रक्षा और सेटेलाइट सिक्योरिटी को लेकर काम करते थे, लेकिन पहली बार महामारी की छिड़ी हुई जंग के लिए हेल्थ सेक्टर में भी अपना योगदान देंगे। कच्चे माल की कोई कमी नहीं है।
वेंटिलेटर का काम प्राथमिकता पर होगा : डीसी
रोहतक के डीसी आरएस वर्मा ने कहा कि जिले में वेंटिलेटर के पाटर्स बनाने वाली फैक्टरी के तौर पर जैसे ही मुख्यालय से सूचना मिली तो इसके लिए परमिट मंजूरी के काम को तत्काल सिरे चढ़ा दिया गया है। कंपनी भी प्राथमिकता के आधार पर इस काम को पूरा करेगी। आज के दिन सबसे अहम काम कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ना है। ऐसे में यदि जिला इस काम में योगदान दे सकता है तो इससे अच्छी बात क्या होगी।
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