
जिले में काफी लाेग पतंगबाजी का शाैक रखते हैं। लाॅकडाउन से बाजार ताे बंद हैं लेकिन लाेग शाम काे घराें की छताें पर पतंगबाजी करते दिख जाते हैं। पतंगबाजी में डाेर अहम है और राेक के बावजूद चाइनीज डाेर (मांझा) इसमें इस्तेमाल हाेता है। इस चाइनीज डाेर में लेड जैसा खतरनाक तत्व होता है जाे इंसान या किसी जीव काे छू जाए ताे अंग कट सकता है। देश कई हिस्साें में इस मांझे से गंभीर हादसे हाे चुके हैं। बाइक सवार कि गर्दन कटने जैसी घटनाएं हाे चुकी हैं। हालांकि सभी जगह इस डाेर पर प्रतिबंध है लेकिन पतंग कटने के बाद कई जगह फंसी यह डाेर अब भी पक्षियाें के लिए जानलेवा बन रही है।
मांझे में केमिकल और कांच, इसलिए खतरनाक
एक्सपर्ट्स के मुताबिक चाइनीज मांझे काे मजबूत बनाने के लिए विशेषकर 5 तरह के केमिकल सीसा, गाेंद, एल्युमुनियम ऑक्साइड, मैदा फ्लाेर, और जिरकाेनियम ऑक्साइड इस्तेमाल हाेता है। कई बार इसे धारदार बनाने के लिए कांच के बारीक टुकड़ों का भी इस्तेमाल हाेता है। इसलिए यदि किसी बाइक पर जाता इंसान या उड़ रहा पक्षी इसकी चपेट में आजाए ताे अंग काट देता है।
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