
पश्चिमी विक्षोभ के असर से रविवार को प्रदेश में तेज हवा के साथ बादल छा गए। कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। इससे खेत व मंडियों में गेहूं भीग गया। कटाई का काम रुक गया। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। 20 अप्रैल को मंडियों में खरीदारी शुरू हुई है। कोरोना महामारी के कारण सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने के लिए इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के तहत गेहूं लेकर किसानों को मंडियों में बुलाया जा रहा है। मौसम विभाग ने 27 अप्रैल को भी कुछ इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। वहीं, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अभी मंडी या खेतों में स्टॉक जो गेहूं भीगा है, वह एक दिन में सूख जाएगा। वहीं 1-2 दिन में कटाई भी फिर शुरू हो जाएगी। लेकिन अगर ज्यादा बारिश हुई तो बड़ा नुकसान हो सकता है।
कहां कितनी बारिश
करनाल | 15 |
फरीदाबाद | 14.5 |
पानीपत | 14 |
राेहतक | 08 |
गुड़गांव | 08 |
कैथल | 08 |
कुरुक्षेत्र | 05 |
अम्बाला | 04 |
यमुनानगर | 04 |
सिरसा | 01 |
रेवाड़ी | 08 |
(बारिश मिलीमीटर में)
लॉकडाउन में बारिश से गिरा पारा, सामान्य से 11 डिग्री तक हुआ डाउन
26 अप्रैल को प्रदेश के कई इलाकों में बरसात हुई। हरियाणा में रविवार को 0.7 एमएम बरसात हुई। अप्रैल में प्रदेश में 5.4 एमएम बरसात हुई है, जबकि सामान्य 6.5 एमएम होती है। यानी सामान्य से 17 फीसदी कम बरसात हुई है। एक मार्च से 26 अप्रैल तक प्रदेश में 74.5 एमएम बरसात हुई है, जो सामान्य से 303 फीसदी अधिक है। अप्रैल में करनाल का दिन का तापमान 26.6 डिग्री पर आ गया है, जबकि रोहतक में 28.6 डिग्री रहा। दोनों जिलों में यह सामान्य से करीब 11 डिग्री कम आंका गया है। जबकि नारनौल में 36.8 डिग्री व हिसार में पारा 35 डिग्री के पार ही रहा।
आगे क्या होगा
आईएमडी चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार अगले 36 घंटे में कुछ जगह हल्की बरसात या बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद आसमान साफ हो सकता है। मई के प्रथम सप्ताह में भी मौसम में बदलाव की संभावना दिख रही है।
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