नगर पालिका द्वारा विकास कार्यों के लिए जारी किए गए टेंडरों पर ठेकेदारों ने आपत्ति जताई है। इन ठेकेदारों का कहना है कि पालिका द्वारा 19 विकास कार्यों के लिए 2.50 करोड़ रुपए के ऑनलाइन आवेदन लिए गए।
उन्होंने अाराेप लगाया कि टेंडरों के लिए एमई ने पैसे मांगे। इनकार करने पर टेंडरों को रद्द कर दिया गया। इसे लेकर ठेकेदार नगर पालिका के एमई रमनदीप के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। आसपास के करीब 10 ठेकेदारों ने 1 से 11 मई को टेंडर भरे थे। उसी समय 11 मई को टेंडर कैंसिल कर दिए गए। 13 मई से लेकर 20 मई तक दोबारा से टेंडर मांग लिए गए। ठेकेदारों ने छोटे कार्यकाल में टेंडर दोबारा लगा दिए। एमई ने कुछ अनावश्यक शर्त थोंपते हुए ठेकेदारों के टेंडरों को रद्द कर दिया। जबकि टेंडर आवेदन के लिए 15 दिन का समय ठेकेदारों को आवश्यक देना होता है।
ठेकेदारों का आरोप है कि एमई द्वारा अपने चहेते 2 ठेकेदारों को टेंडर दे दिए गए। उनमें से एक ठेकेदार का लाइसेंस 31 मार्च को कैंसिल हो चुका है। धर्मपाल सिसाय, सुनील कुमार सुलचानी, नरेश कुमार राजथल, नानूराम सैनी नारनौंद, अनूप श्योराण राखी गढ़ी, सुरेंद्र कुमार राखी, अमरजीत लोहान व नरेंद्र गर्ग आदि ठेकेदार मौजूद थे।
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