
(महबूब अली)शहर के मॉडल टाउन वासी नौकरी पेशा कृष्ण ने हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल कायम की। दूध न मिलने के कारण मॉडल टाउन का रहने वाला नसीम ईद के त्योहार पर खीर, शीर नहीं बना पा रहा था। पता चलते ही पड़ोसी कृष्ण खुद दूध खरीद कर नसीम के घर पर पहुंचा दिया तब कहीं जाकर नसीम के घर में खीर, शीर बनी। हर किसी ने आपसी प्यार व सौहार्द की मिसाल कायम करने वाले कृष्ण की सराहना की है।
दरअसल मॉडल टाउन निवासी नसीम की परिवारिक हालत ठीक नहीं है। नसीम मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है। सोमवार को लोग ईद की खुशियां मना रहे थे मगर नसीम को दूध नहीं मिल पा रहा था। जिसके कारण परिवार खीर, शीर बनाने में भी असमर्थ था। मदीना मस्जिद के मौलाना जमशेद ने बताया कि इस स्थिति में कृष्ण खुद दूध खरीद कर पहुंचा तथा नसीम को उपलब्ध कराया। तब कहीं जाकर नसीम के घर में खीर बन सकी।
पहली बार मस्जिदों में नहीं पढ़ी गई ईद की नमाज, वीडियो कॉल से एक-दूसरे को दी मुबारकबाद
सोमवार को धूमधाम के साथ ईद का पर्व मनाया गया। हालांकि पहली बार ऐसा हुआ कि ईद पर मस्जिदों में अकीदतमन्दों ने नमाज अदा नहीं की। मदीना मस्जिद में सिर्फ मौलाना जमशेद और हाफिज आरिफ ने ही नमाज अदा कर फर्ज पूरा किया। इसके अलावा शहर के विभिन्न स्थानों पर लोगों ने घरों के अंदर ही ईद की नमाज अदा की। साथ ही अल्लाह ताआला से कोरोना वायरस के खात्मे की भी दुआ मांगी। मुस्लिम कल्याण समिति के प्रधान होशियार खान का कहना है कि लॉकडाउन के कारण इस बार गले मिलकर ईद की मुबारकबाद नहीं दी गई बल्कि घर पर आने वाले मेहमानों की संख्या भी कम रही। लोगों ने वीडियो कॉल के माध्यम से ईद की मुबारकबाद दी। वहीं घर पर किस तरह से ईद की नमाज अदा करें। इसको लेकर फेसबुक, व्हाट्सएप पर दिनभर मैसेज चलते रहे।
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