लेटलतीफी के चलते 4 करोड़ रुपए महंगा पड़ा छिलरो में निर्माणाधीन कॉलेज भवन

राजकीय महाविद्यालय छिलरो के भवन निर्माण की बार बार समयावधि बढ़ाए जाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो रहा है। निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भवन में ही कॉलेज चल रहा है। कॉलेज का तीसरा शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है। ऐसे में कॉलेज स्टाफ व छात्र छात्राओं को परेशानी होगी।
कॉलेज भवन का निर्माण कार्य 29 अगस्त 2017 में 21 महीने की समय सीमा में 12 करोड़ 78 लाख 68 हजार 593 रुपए की लागत से करीब 78 कनाल जमीन में निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। कॉलेज का तीसरा शैक्षणिक स्तर भी अभी शुरू होने जा रहा है। ऐसे में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निजामपुर के तीन कमरों में चल रहे इस कॉलेज के छात्र छात्राओं व स्टाफ को परेशानियां होंगी। तीसरे शैक्षणिक सत्र में नए छात्रों की संख्या और बढ़ जाने के कारण स्कूल, कालेज दोनों के छात्र छात्रोंओ को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। अभी तक कालेज भवन की चार दिवारी का भी पूरा काम नहीं हो पाया है। ना ही गेट से सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है।

विलंब का नतीजा; लागत भी 12. 78 करोड़ से बढ़कर करीब 17 करोड़ रुपए पहुंच गई
कॉलेज में हाल में बीए प्रथम वर्ष कला संकाय के 157 विद्यार्थी हैं। बीकॉम प्रथम वर्ष में 13 छात्र छात्राएं हैं। बीए कला द्वितीय वर्ष में 48, बीकॉम द्वितीय वर्ष में 10 छात्र छात्रों का दाखिला चल रहा है। अभी नई सीट 160 कला संकाय, 80 सीटें बीकॉम प्रथम वर्ष में दाखिला होना है। ऐसे में स्कूल के तीन कमरों में कैसे छात्र बैठेंगे और कैसे स्टाफ एडजेस्ट होगा। जो कार्य 28 जुलाई 2019 को पूरा होना था, वह करीब 1 वर्ष का समय और बीत जाने के बाद भी यह कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है।

इसकी लागत भी 12 करोड 78 लाख 68 हजार 593 रुपए से बढ़कर करीब 17 करोड़ हो गई है। कॉलेज निजामपुर स्कूल भवन में चलने के कारण स्कूल के छात्र छात्राओं की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। एक ही भवन में स्कूल व कॉलेज चलने से अव्यवस्था का कारण भी बनता जा रहा है, लेकिन लोक निर्माण विभाग की लचर कार्यप्रणाली के कारण कॉलेज भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है। ना ही सरकार के नुमाइंदे इस और ध्यान दे रहे हैं। कॉलेज बाउंड्री के फ्रंट में नीव खोदने के बाद भी इसकी चारदीवारी पूरी नहीं की जा रही है। जो कई सवालिया निशान खड़ी कर ही है कि ऐसी कौन सी मजबूरी है कि नक्शे के अनुसार जो शिक्षा विभाग के नाम से जमीन है उसमें चार दिवारी पूरी नहीं करवाई जा रही है। इसके अलावा नवनिर्मित भवन में बिजली, रंग, पेंट, गेट से कॉलेज भवन तक की सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ है।



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4 crore rupees costlier due to late fees


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