विरोध में ग्लोबल हरियाणा ने खड़े किए 8 हजार छात्र, भारतीय बोले- एक प्लेटफाॅर्म पर लड़ेंगे हितों की लड़ाई

(रत्न पंवार)डोनाल्ड ट्रंप सरकार के ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले विदेशी स्टूडेंट्स को अमेरिका छोड़ने के हाल ही में आए आदेश का विरोध तेज हो गया है। हार्वर्ड-येल समेत कई विश्वविद्यालयों ने कोर्ट में याचिका डाली है। साथ ही अमेरिका में सक्रिय ग्लोबल हरियाणा एसोसिएशन ने भी भारतीय छात्रों के लिए याचिका पर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।

करीब 8 हजार छात्र ट्रंप के फैसले के खिलाफ खड़े हाे चुके हैं। अमेरिका में करीब 2.5 लाख भारतीय छात्रों को एकजुट किया जा रहा है। बहरहाल, अब 75 दिनों में देश छोड़ने का समय दिया गया है। कब जाना है, इसके लिए फ्लाइट तय करने के लिए कॉलेजों को आदेश दे दिए गए हैं। इंटरनेशनल फ्लाइट बंद हैं, ऐसे में कोरोना काल में वापसी भी बड़ी चुनौती है।

स्टूडेंट्स के सामने नौकरी खोने व प्रोजेक्ट पूरा करने की चिंता सता रही है। वापस न भेजने पर विवि पर भी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। न्यूयार्क में रह रहे रिसर्च साइंटिस्ट व इंडियन स्टूडेंट एसाेसिएशन के महासचिव संदीप मिट्‌ठन ने कहा किकोलंबिया विवि में फुलब्राइट फेलो के तौर पर पानीपत से अमेरिका आया था। मल्टीनेशनल कंपनी से जॉब ऑफर था। ट्रंप के आदेश के बाद ऑफर वापस हाे गया है।

एक-दो सप्ताह में निकलेगा कोई रास्ता : प्रो. धनखड़
ट्रंप सरकार के फरमान से भारतीय छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं। यह इलेक्शन प्रोपेगेंडा है। सभी विवि हल निकालने में लगे हैं। अन्य देशों के स्टूडेंट्स भी प्रभावित होंगे। स्थिति स्पष्ट हाेने में एक-दो सप्ताह का समय लगेगा। -डॉ. ओमप्रकाश धनखड़, साइंटिस्ट, यूनिवर्सिटी आॅफ मैसाचुसेट्स एम्हर्स्ट, अमेरिका

हस्ताक्षर कराकर डाली जाएगी याचिका : कुंडू
अमेरिका में ट्रंप सरकार के इस फैसले से 2.5 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स प्रभावित हुए हैं। स्टूडेंट्स को एक प्लेटफार्म पर लाकर हस्ताक्षर अभियान के साथ याचिका डाल रहे है, ताकि इसका विरोध कर आदेश वापस कराया जा सके।-बालेंद्र कुंडू, अध्यक्ष, ग्लोबल हरियाणा



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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प। फाइल फोटो


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