श्रीराम ने तोड़ा शिव धनुष, सीता ने पहनाई वरमाला, जयकारों से गूंजा रामलीला ग्राउंड

शहर में इस समय कई जगह रामलीला चल रही है। शाम होते ही दर्शक रामलीला देखने के लिए घरों से निकल पड़ते हैं। रामलीला के कारण इस समय देर रात तक शहर में चहल पहल रहती है। शहर के नंबर 2 ब्लॉक में जागृति रामलीला कमेटी में प्रभू श्रीराम ने शिव के धनुष को तोड़ा तो जय श्रीराम के नारे से पूरा रामलीला परिसर गूंज उठा। जनक नंदिनी सीता ने प्रभू श्रीराम को वरमाला पहनाई। इस दृश्य के साथ ही कलाकारों ने धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर व सीता-राम विवाह का भी शानदार मंचन किया। लीला के मंचन में दिखाया गया कि एक बार राजा जनक के राज्य में काफी दिन से बरसात नहीं हुई। चारों तरफ हाहाकार मचा था। राजा जनक को पता चला कि प्रजा दुखी है तो उन्होंने ब्राह्मणों से मंत्रणा की। राजा ने ब्राह्मणों की आज्ञा मानकर सोने का हल चलाया। हल घड़े से टकराने पर सुंदर कन्या निकली। काफी समय से जनक के घर में भगवान शिव का पुराना धनुष रखा था। किसी कारण से सीता ने उस धनुष को अन्यत्र रख दिया। इसकी जानकारी होने पर जनक ने राज्य में सीता स्वयंवर का आयोजन किया। तय किया कि जो इस धनुष को तोड़ेगा उसी से सीता का विवाह होगा। राज्य के बड़े-बड़े राजाओं को निमंत्रण दिया गया। लंकापति रावण भी स्वयंवर में पहुंचे। सभी राजाओं ने धनुष तोड़ने की कोशिश की लेकिन किसी से धनुष हिला तक नहीं। विश्वामित्र ने अपने शिष्य राम को शिव के धनुष को तोड़ने का आदेश दिया। भगवान राम ने धनुष को तोड़ दिया। रामलीला में कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया ने भगवान राम का किरदार निभाया। जबकि लक्ष्मण का सन्नी आहूजा, सीता का अंकुश, राजा जनक का बिन्टे तथा गुरु विश्वामित्र का डिन्धे ने शानदार अभिनय किया।



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