कोरोना महामारी में सरकार की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग रखने के लिए जारी की गई गाइडलाइन का भी शहर की कुछ बैंक शाखाओं में पालन होता दिखाई नहीं दे रहा हैं। 500-500 रुपये पाने के लिए विशेषकर महिलाओं की बैंकों में भीड़ बढ़ रही है। कुछ बैंक शाखाओं में पुलिस को जबरदस्ती उपभोक्ताओं से नियमों की पालना करवानी पड़ रही है, जबकि बैंक स्टाफ सदस्य बार बार लोगों को डिस्टेंसिंग व सैनिटाइजर जैसे बेसिक नियमों की पालना करने का पाठ पढ़ाते हैं।
बैंक शाखाओं में पेशन, वेतन व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की सहायता राशि को लेकर बैंकों में सुबह दस बजे ही लाइन लग जाती हैं। शहर में लगभग 30 बैंक शाखाएं हैं, जिनमें से 10 बैंक शाखाओं में भीड़ की स्थिति बन रहती है। इन बैंक शाखाओं में डिस्टेंसिंग जैसे बेसिक नियम को भी उपभोक्ता फॉलो करते दिखाई नहीं देते। स्थिति खराब होने पर पुलिस बुलानी पड़ती है।
इन बैंकों में हो रहा है बेहतर कार्य
शहर में स्थित लगभग सभी बैंक शाखाओं के अंदर सोशल डिस्टेंस व सैनिटाइज के नियमों पालना हो रही है। हालांकि एसबीआई, पीएनबी, यूको, आईडीबीआई, इंडियन ओवरसीज सहित कुछ अन्य बैंकों में भी व्यवस्था बेहतर है। बैंकों में कर्मचारियों के बीच सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखा गया है। बैंक के अंदर उपभोक्ताओं की भीड़ जमा नहीं होने दी जा रही है। कैश काउंटर पर भीड़ न लगे इसके लिए एक व दो उपभोक्ताओं को ही एक समय में प्रवेश दिया जाता है।
एसबीआई व बैंक ऑफ इंडिया में भारी भीड़
घंटाघर स्थित एसबीआई व बैंक ऑफ इंडिया शाखा के बाहर पिछले तीन दिनों से सुबह 10 बजे ही उपभोक्ताओं की भीड़ जाम हो जाती है। सिक्योरिटी गार्ड उपभोक्ताओं को बैंक के गेट के बाहर ही उपभोक्ताओं को रोक देता है। उपभोक्ता खुद सोशल डिस्टेंस की पालन नहीं करते और झुंड बनाकर बैंक के बाहर खड़े हो जाते हैं। सिक्योरिटी गार्ड बार-बार प्रार्थना करते हैं, लेकिन लोग बात की तरफ कोई ध्यान नहीं देते। ऐसे में बैंक अधिकारी पुलिस बुलवाकर कर लोगों से डिस्टेंसिंग की पालना करवाते हैं।
यूको बैंक इंट्री सैनिटाइजेशन के बाद
नेहरू पार्क के सामने यूको बैंक शाखा में लोग आते हैं तो सिक्योरिटी गार्ड लोगों को मेन गेट के बाहर ही लोगों को लाइन में खड़ा रहने की हिदायत देता है। जो लोग सोशल डिस्टेंस की पालन को तोड़ते हैं तो उन्हें सख्त निर्देश दिए जाते हैं। गेट पर ही उपभोक्ता के हाथ सैनिटाइज करवाने के बाद ही बैंक में प्रवेश दिया जाता है। एक उपभोक्ता के बैंक से बाहर आने के बाद ही दूसरे उपभोक्ता को अंदर भेजा जाता है।
कैशियर कर रहे हैं ग्लब्स का इस्तेमाल
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बैंकों के कैशियर सैनिटाइजर के साथ ग्लब्स का भी इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि वायरस नोट के माध्यम से किसी उपभोक्ता तक न पहुंचे और न ही बैंक कर्मचारियों तक आए। हर रोज बैंक शाखाओं में काउंटर, मेज आदि को सैनिटाइज किया जाता है।
बैंकों के अंदर नहीं है पुलिस की व्यवस्था
बैंकों में पुलिस की व्यवस्था नहीं है लेकिन जब जब भीड़ लगती है तो पुलिस मौके पर पहुंच जाती है और व्यवस्था को दुरुस्त करती है। बैंकों के अंदर सिक्योरिटी गार्ड व अन्य कर्मचारी ही व्यवस्था को संभालते हैं। बैंकों के बाहर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच जाती है।
ये कहना है लीड बैंक मैनेजर का
लीड बैंक मैनेजर बीके ढींगड़ा ने बताया कि बैंकों के अंदर नियमों की पालन हो रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की राशि के लिए उपभोक्ताओं की अधिक भीड़ लग रही है। अधिकतर बैंक शाखाओं में सोशल डिस्टेंस व सैनिटाइजेशन व्यवस्था की पालन हो रही है। जहां नियमों की पालन नहीं होती वहां भी पालना करवाई जा रही हैं। इसमें पुलिस की भी मदद ली जा रही है। कैशियर को ग्लब्स उपलब्ध करवाए हैं।
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