लॉकडाउन में धान का बीज महंगा

सीजन के समय कोरोना महामारी के कारण पहले ही किसान भी परेशानी झेल रहे हैं। अब रही सही कसर बेमौसमी बरसात व तेज हवाएं पूरा कर रही हैं। पिछले सप्ताह भर के अंदर लगातार तीन बार आंधी आ चुकी है। इससे किसानों का काफी नुकसान हो चुका है।
आम, लीची, आडू जैसे मौसमी फलों पर इसका असर पड़ा। इन दिनों बागों में फल आंधी की वजह से झड़ रहे हैं। वहीं किसानों को इस बार धान लगाने से रोका जा रहा है। इसे लेकर किसानों में रोष भी है। उधर धान का बीज भी महंगा मिल रहा है। इनेलो ने आरोप लगाया कि बीज की कालाबाजारी हो रही है। किसानों का कहना है कि एक सप्ताह के भीतर करीब 50 प्रतिशत फल झड़ चुके हैं। मनजीत सिंह का कहना है कि किसान पर दोहरी मार पड़ रही है। यहां तक कि धान के बीज तक की कालाबाजारी हो रही है। सरकार आज इस महामारी के समय में आमजन को राहत देने की बात कर रही है, लेकिन सरकार की नाक के नीचे धान की कालाबाजारी हो रही है। जिस बीज की पिछले साल 850 के आस पास थैली मिल रही थी। वही अब 1250 से 1350 रुपए में बेच रहे हैं । ज़िला कृषि अधिकारियों को ऐसे दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं धान की कालाबाजारी के आरोपों पर जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रदीप मिल का कहना है कि विक्रेता एमआरपी पर बेच सकते हैं। यदि कोई बीज बेचने वाला एमआरपी रेट से अधिक पर बेचता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



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