ड्राइवर को तेज बस चलाने को रोकते रहे यात्री, नहीं माना, डिवाइडर पर चढ़कर पलटी, 51 घायल

जीटी रोड पर एनएफएल गेट के पास बुधवार देर रात करीब 12:30 बजे डिवाइडर पर चढ़कर यूपी नंबर की निजी बस पलटने से 12 बच्चे व 11 महिलाओं समेत 51 यात्री घायल हो गए। बस में करीब 60 लोेग सवार थे। हादसे के बाद 57 यात्री शीशे तोड़कर बाहर निकल आए। जबकि हाथ-पैर दबने से 3 बच्चे करीब पौन घंटे तक बस के अंदर ही फंसे रहे। क्रेन आने के बाद बच्चों को निकाला जा सका।

बस में सवार दिल्ली के परविन्द्र ने पुलिस को शिकायत दी कि दिल्ली से रवाना होने के बाद ड्राइवर बस को तेज गति व लापरवाही से चला रहा था। कई बार उसको तेज गति में बस न चलाने के लिए बोला, लेकिन वह नहीं माना। इसके कारण हादसा हुआ। ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया है।

दिल्ली के कश्मीरी गेट से रात करीब 11 बजे अरमान टूर एंड ट्रैवल्स की निजी बस अमृतसर के लिए रवाना हुई थी। बस में उप्र, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब के करीब 60 लोग सवार थे। यात्रियों ने ड्राइवर के नशे में होने का शक जाकिर करते हुए कहा कि बस रास्ते में भी कई वाहनों से टकराते हुए बची। उन्होंने उम्मीद जताई कि ड्राइवर को नींद की झपकी आने के कारण ही यह हादसा हुआ है। हादसे के समय अधिकतर लोग सो रहे थे।

दो की सीट पर 3 लोग और उनके बच्चेे बैठे थे
बस में ऊपर-नीचे सोने वाली सीट थी। प्रदीप ने बताया कि दो वाली सीट पर 3 लोग और उनके दो से 3 बच्चे बैठा रखे थे। हादसे के समय अधिकतर लोग सो रहे थे। तेज धमाका के साथ ही सारे यात्री उथल-पुथल हो गए और बस में चीख-पुकार मच गए। हादसे के बाद जीटी रोड का ट्रैफिक बाधिक हो गया। 3 डीएसपी व कई थानों के एसएचओ मौके पर पहुंचे। लोगों को बाहर निकाला।

एक घंटे बाद हाथ का एक्स-रे हुआ
एक साथ सिविल अस्पताल में 51 घायलों के पहुंचने से आपा-धापी मच गई। राजेश के पिता ने आरोेप लगाया कि बेटी आसना के हाथ में पट्‌टी बंधी थी आैर हाथ में ही चोट थी। सुबह एक्स-रे कराने गए तो वहां पैर का एक्स-रे कर दिया। दोबारा डॉक्टर के पास गए। एक घंटे बाद हाथ का एक्स-रे हुआ। वहीं, प्रदीप कुमार ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने बेटे राजबीर के दोनों पैर एक्सरे कराने के लिए बोला था। सुबह पता चला कि उसकी एमएलसी नहीं काटी गई। एमएलसी की कॉपी नहीं होने के कारण एक्सरे वालों ने भी एक्सरे करने से मना कर दिया।

अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद 46 को दी छुट्‌टी, दंपती रेफर
हादसे में दिल्ली का अनिल, उसकी पत्नी वीना, बेटी रीना, बृजेश, भावना, परविंद्र, पत्नी जसविंद्र कौर, बेटा आशू, जालंधर का गुपेंद्र, जितेंद्र, बठिंडा का मोहम्मद हुसैन, अलीगढ़ की गुड्डी, रजनी, उप्र के नत्थूराम, उसकी बेटी काजल, मीना, कृपाल, राजेंद्र, अशोक, फईम, आमिर, अर्जुन, बिहार के श्रवण, दिलीप, राकेश, अमरजीत, दीपक, कमलेश, ललित, भोगेंद्र, लड्डू सहित 51 को चोटें आई। 46 को देकर छुट्टी दे दी। वहीं गंभीर घायल अनिल और वीना को पीजीआई रोहतक रेफर किया है।

अपने बच्चे फंसे थे, न पिता बाहर निकले न ही मां
यूपी के इटावा निवासी प्रदीप कुमार परिवार सहित लुधियाना, बदायूं निवासी मीना चंडीगढ़ और एमपी के भिंड निवासी राजेश परिवार सहित जालंधर जा रहे थे। हादसे के बाद प्रदीप का 9 वर्षीय बेटे राजबीर के पैर, राजेश की 11 वर्षीय बेटी आसना के हाथ और मीना के 8 वर्षीय बेटा कृष्ण बस के अंदर ही बस गए।

परिजनों ने बताया कि तीनों को निकालने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं निकल पाए। बच्चे बस में फंसे थे इसलिए दोनों पिता और मां बस से बाहर नहीं निकले। पहले छोटी क्रेन आई तो बस सीधी नहीं हो पाई। दूसरी क्रेन बुलाई गई। दोनों क्रेन से बस को सीधा कर करीब पौन घंटे बाद बच्चों को निकाला गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पानीपत. जीटी राेड एन एफएल के पास डबल डाेकर बस पलटने से घायलाे काे निकालते पुलिसकर्मी।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3dw4Y1n
via IFTTT