डिजिटल मैप से लालडोरा मुक्त होंगे गांव, ड्रोन से मैपिंग शुरू

गांवों में रिहायशी क्षेत्रों में लालडोरा मुक्त करने के लिए गांवों की ड्रोन मैपिंग का काम प्रारंभ किया जा रहा है। इसके तहत अटेली तहसील के शुक्रवार को गिरधरपुर व गोकलपुर गांवों में रोड ड्रोन मैपिंग की गई। अटेली तहसील के 15 गांवों में अभी तक मैपिंग की जा चुकी है।

बता दें कि अटेली तहसील में 52 गांव लगते है तथा खंड़ में 43 ग्राम पंचायतें हैं। इन सभी ग्राम पंचायतों में सर्वे ऑफ इंडिया की टीम के साथ तहसील के गिरदावर पृथ्वीराज, पटवारी श्रीपाल गांवों में जाकर सहयोग कर रहे हैं। श्रीपाल पटवारी ने बताया कि संबंधित गांव के सरपंच को पूर्व सूचना देने के बाद ड्रोन चलने से पूर्व लाल डोरों के आने वाले क्षेत्र में सफेद रंग का चुना डलवा दिया जता है। तहसील विभाग से खसरा, खेवट आदि लिया जाता है। उसके बाद सर्वे ऑफ इंडिया के तकनीकी अधिकारी ड्रोन से 300 फुट ऊंचाई से मैपिंग करते है।

बीडीपीओ ओमप्रकाश ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल की स्वयं इस महत्वाकांक्षी योजना को देख रहे है। लाल डोरा की पैमाइश होने से इस क्षेत्र में रहने वालों की रजिस्ट्री होने लगेगी। लोगों के आपसी झगड़ भी खत्म हो जाएंगे। राजस्व विभाग के पास इनका भी रिकार्ड बनने से अनेक प्रकार की राजस्व संबंधी समस्याएं खत्म हो जाएगी। बता दें कि 1962-63 में चकबंदी हुई थी।उस समय राजस्व विभाग के पास सारी जमीन का रिकार्ड तैयार हो गया था, लेकिन रिहायशी क्षेत्र में चकबंदी नहीं होने से इसको लाल डोरों में शामिल कर छोड़ दिया था।

इस कारण लाल डोरे में आने वाले स्थानों का राजस्व विभाग के पास उपयुक्त रिकार्ड नहीं होने पर लोगों में आपस में विवाद व दूसरी समस्याएं रहती है। गिरदावर पृथ्वीराज ने बताया कि अटेली तहसील में आगामी 25 से 30 दिनों में ड्रोनमैपिंग पूरी कर ली जाएगी। अगर मौसस में खराबी रहेगी तो देरी भी हो सकती है।



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Villagers will be freed from digital map, Mapping starts with drone


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