
ओल्ड ग्रांट प्राॅपर्टी एग्रीमेंट की उल्लंघना के चलते डीसी अशोक कुमार ने 8 जुलाई को कैंट में बनारसी दास (बीडी) फ्लोर मिल की 6.55 एकड़ प्राॅपर्टी को सील कर दिया था। नगर परिषद ने प्राॅपर्टी के तीनों गेट पर ताला लगाकर उसे सील किया था। वीरवार रेडक्रॉस सोसाइटी की बिल्डिंग के साथ वाले गेट पर लगी सील हटी मिली। यह प्राॅपर्टी करीब एक हजार गज में हैं। प्राॅपर्टी के अंदर रिहायशी मकान भी बने हुए हैं और एडवोकेट अजय अग्रवाल ने प्राॅपर्टी को लाला बनारसी दास के वारिसों से खरीद लिया था। एडवोकेट अजय अग्रवाल ने बताया कि एसडीएम को अपनी रि-प्रेजेंटेशन बुधवार शाम को दी थी ताकि राहत मिल सके।
उसकी प्राॅपर्टी के गेट से सील किसने हटाई है, इस बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है। नगर परिषद सचिव राजेश कुमार ने सील हटने के मामले में कहा कि वीरवार सुबह से वह तो शहरी एवं स्थानीय निदेशालय में आए हुए हैं। सील हटने के मामले में कोई जानकारी नहीं है और न ही हमने सील को हटाया है। इस मामले में एसडीएम से बातचीत की जाएगी। वहीं, एसडीएम सुभाष सिहाग ने कहा कि बुधवार को उनके पास रि-प्रेजेंटेशन आई जरूर है। लेकिन ओल्ड ग्रांट की प्राॅपर्टी से जुड़ा पूरा मामला नगर परिषद के अधीन है। इसलिए नगर परिषद सचिव इस मामले में बेहतर बता सकते हैं। सील को खोला नहीं गया है और इस मामले में सचिव को कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं।
उधर, सदर थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस की पीसीआर की ड्यूटी है और सील हटने के बारे में नगर परिषद के सचिव और एसडीएम ही बता सकते हैं।
गाैरतलब है कि डीएसपी अम्बाला कैंट ने जहां थाना प्रभारी को एक पीसीआर को तैनात करने के आदेश दिए थे तो वहीं नप सचिव ने भी होमगार्ड के जवान काे तैनात करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन नगर परिषद और पुलिस की सुरक्षा के बीच सील टूटना आम जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ये ओल्ड ग्रांट प्राॅपर्टी का विवाद
कैंट में बीडी फ्लोर मिल की 6.55 एकड़ और मिल की एक्सडेंट प्राॅपर्टी डेढ़ एकड़ है। मिल के हिस्सेदारों से महेश नगर, बीडी फ्लोर मिल के पीछे जुड़े नामी प्राॅपर्टी डीलर और सर्राफा बाजार के ज्वैलर्स ने यह जमीन ले ली थी। जिसमें कई गोदाम बन चुके हैं, कई रिहायशी मकान बने हुए हैं। अभी डेढ़ एकड़ जमीन फिलहाल खाली पड़ी है। इस मामले की जांच जब डीसी ने की तो मामला एग्रीमेंट की उल्लंघना का सामने आया। इसलिए 8 जुलाई को मिल की प्राॅपर्टी को सील कर दिया गया।
आज डीसी से मिलेंगे सभी किरायेदार, गोदाम मालिक
बीडी फ्लोर मिल के अंदर आर्मी गोदाम के साथ-साथ लिज्जत पापड़ का गोदाम भी है। कई हिस्सेदारों ने मिलकर यहां पर गोदाम किराये पर लिया था। फैक्टरी के हिस्सेदारों का करीब 8 लाख का माल अंदर पड़ा है। हिस्सेदारों को भी प्राॅपर्टी मालिक का नहीं पता है कि कौन है? इसके अलावा नोटिस के बारे भी उन्हें पता नहीं था। इसलिए सभी अपना सामान निकालने की अनुमति मांगने के लिए शुक्रवार सुबह 10 बजे डीसी से मिलने के लिए जाएंगे।
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