यमुना नदी में दो वर्ष पहले हो रहे अवैध खनन काे लेकर हरियाणा व यूपी के जमीन विवाद में अब रोहतक पुलिस को जांच का जिम्मा मिला है। रोहतक पुलिस को यमुना नदी में अवैध खनन वाले इलाके के सीमा विवाद की जांच मिली है। पहले इस मामले की जांच सोनीपत और पानीपत पुलिस जांच कर चुकी है। मगर ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि अवैध खनन सोनीपत जिले की सीमा में हुआ या फिर यूपी के बागपत जिले में हुआ।
अब डीजीपी की ओर से मामले की जांच रोहतक रेंज एडीजीपी संदीप खिरवार को सौंपी थी। रोहतक रेंज की ओर से रोहतक पुलिस हेडक्वार्टर डीएसपी गोरखपाल राणा इस मामले को सुलझाएंगे। पुलिस के अनुसार 5 जुलाई 2018 में सोनीपत के गांव जाजल निवासी चांद सिंह ने राई थाना पुलिस को अवैध खनन की शिकायत दी थी। इस संबंध में 12 नवंबर 2018 को राई थाना में केस दर्ज हुआ था। चांद सिंह ने जिला बागपत यूपी निवासी भट्टू पर यमुना में अवैध खनन का आरोप लगाया।
मामले को राई थाना पुलिस ने मामले को यूपी के एरिया का बताकर 21 अक्तूबर 2018 को एफआईआर कैंसिल कर दी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मामले की अपील कष्ट निवारण बैठक में शिकायत दी। उनकी मांग थी कि माइनिंग डायरेक्टर चंडीगढ़ से अपील कर मामले की जांच पानीपत माइनिंग अधिकारियों से करवाई। पानीपत माइनिंग अधिकारियों ने अपनी जांच में अवैध खनन जिला सोनीपत हरियाणा का होना बताया। शिकायतकर्ता के अनुसार उसकी अपील पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। दो साल बाद अब शिकायतकर्ता ने इसकी अपील डीजीपी को की। इसके बाद अब रोहतक पुलिस को मामले की जांच सौंपी गई है।
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