राेहतक के माेखरा गांव के अजमेर मलिक और उनकी पत्नी अनिता मलिक अन्य लाेगाें के लिए मिसाल

(महबूब अली)राेहतक के माेखरा गांव के 47 वर्षीय अजमेर सिंह मलिक और उनकी पत्नी अनिता मलिक ने करीब 20 साल पहले पड़ाेसी से 1600 रुपए उधार लेकर मछली पालन शुरू किया था। अब देश से लेकर विदेशों तक में मछली से लेकर झिंगा पालन को लेकर उनकी धूम है।

हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, राजस्थान, असम, उत्तराखंड में भी दंपती ने मछली पालन शुरू कर दिया है। अजमेर विदेशों में भी कई बार मछली पालन की ट्रेनिंग ले चुके हैं। अब हर माह दंपती करीब 18 लाख रुपए तक कमा रहे हैं। देशभर के करीब 600 से अधिक लाेगाें काे भी राेजगार दिया हुआ है। कई सामाजिक संगठनाें के अलावा मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी भी दंपति काे सम्मानित कर चुके हैं।

वर्तमान में विदेशियों काे भी ऑनलाइन मत्स्य पालन के गुर दे रहे हैं। देश के विभिन्न राज्याें में जाकर वह लाेगाें काे मछली पालन करने के प्रति प्रेरित करते हैं।

मूलरूप से राेहतक के माेखरा गांव के अजमेर सिंह मलिक बताते हैं कि वह अक्सर हिसार के डाबड़ा और अन्य गांव में आकर किसानों काे मत्स्य पालन के प्रति भी जागरूक करते रहते हैं। करीब 20 साल पहले उन्होंने व पत्नी ने मछली पालन करने की साेची थी। इसके लिए उन्हें उस समय राेहतक के जिला फिशरीज अधिकारी रहे रमेश दांगी और एक अन्य ने मूटीवेट किया था। उन्हाेंने पड़ाेसी से 1600 रुपए उधार लेकर गांव के ही छाेटे से तालाब में मछली पालन शुरू किया। इसके बाद वह अपने काराेबार काे बढ़ाते चले गए।

दाेनाें ने मिलकर धीरे-धीरे राजस्थान, अहमदाबाद, भाेपाल, बंगलाैर, असम, उत्तराखंड और अन्य राज्याें में भी मछली पालन से लेकर झिंगा पालन शुरू कर दिया। अब स्थिति यह है कि हर माह करीब 18 लाख रुपये का मुनाफा दंपती काे हाे रहा है। यहीं नहीं आस्ट्रेलिया, स्विजरलैंड, न्यूजीलेँड के लाेग ऑनलाइन ही अजमेर से मत्स्य पालन के गुर भी सीखते हैं।

कई विधियाें से करा रहे मछली पालन
अजमेर हरियाणा के अलावा राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश में कई विधियाें से मछली पालन करा रहे हैं। जिनमें मुख्य रूप से सूखा बांध प्रजनन विधि, अत्याधुनिक जाल बिछाकर मछली पालन, प्रदूषित पानी काे शुद्ध कर मछली पालन आदि प्रमुख है।

विश्व एक्वाकल्चर साेसायटी संयुक्त राज्य अमेरिका के भी सदस्य हैं दंपती
अजमेर सिंह और उनकी पत्नी अनिता विश्व एक्वाकल्चर साेसायटी संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडिया एक्वाकल्चर साेसायटी के भी लाइफ टाइम सदस्य हैं। इसके अलावा वह पचास से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्र स्तरीय प्रदर्शनी और कार्यशालाओं में भी हिस्सा ले चुके हैं।

विदेश में ले चुके ट्रेनिंग : अजमेर के अनुसार हाल ही में उन्हें कृषि मंत्रालय ने डेनमार्क भेजा था। जहां पर उन्हाेंने मछली पालन की नई तकनीक सीखी। इससे पूर्व इंडाेनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया में भी ट्रेनिंग ले चुके हैं।



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मछली पालन की जानकारी देते अजमेर सिंह मलिक


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