कोराेना को हराने वाले डीसी काॅलोनी में 63 वर्षीय बलराज सूरा अन्य बीमारियाें से नहीं जीत सके। उन्होंने खूब संघर्ष भी किया। कई बार स्वास्थ्य में सुधार हुआ तो बिना वेंटीलेटर भी सांस ली। अचानक फिर से उनकी तबीयत पुन: बिगड़ गई और बुधवार को मेदांता अस्पताल में दम तोड़ दिया। इनकी मृत्यु की सूचना पर अलर्ट हिसार प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने अंतिम संस्कार की रणनीति तैयार की। पुलिस विभाग से संपर्क करके सेक्टर 16-17 श्मशान घाट के इर्द-गिर्द नाका लगाकर एरिया सील करवा दिया। गुरुवार सुबह शव को गुरुग्राम से एंबुलेंस में हिसार लाया गया।
अंतिम संस्कार की जिम्मेदार मलेरिया विभाग के जीव वैज्ञानिक डॉ. रमेश पूनिया और नगर निगम को सौंपी गई। एहतियातन दिवंगत बलराज सूरा की पत्नी कृष्णा, अन्य जिले में कार्यरत पुत्र ईओ दीपक सूरा सहित 20 परिजनों, रिश्तेदारों को पीपीई किट पहनाकर मौके पर लाया गया। परिजनों ने अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट में लेकर गए। पुत्र दीपक सूरा ने पिता की अर्थी को मुखाग्नि दी। इसके बाद सभी की पीपीई किट को उतरवाकर नियमानुसार डिस्पोज ऑफ के लिए बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट में भिजवा दी। नगर निगम ने श्मशान घाट के अंदर और बाहर सेनिटाइजेशन किया।
गौरतलब है कि 30 मार्च को बलराज सूरा की तबीयत बिगड़ने पर जिंदल अस्पताल में दाखिल करवाया था। तब रिपोर्ट निगेटिव आई थी लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ था। 5 अप्रैल को परिजनों ने मेदांता में दाखिल करवाया था। यहां पुन: लैब में उनका सैंपल भेजा था। पहली रिपोर्ट निगेटिव फिर पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। बाद में उनकी सैंपल जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। हिसार सीएमओ डॉ. योगेश शर्मा के मुातबिक तीन जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। मेदांता अस्पताल के अनुसार बलराज सूरा को ब्लड इंफेक्शन, गुर्दा रोग, शुगर, मल्टी आर्गेन फेल्योर इत्यादि के चलते मृत्यु हुई है।
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