तनाव न हो, परिजनों से करवाते थे वीडियो कॉल, 22 दिन में 154 में 124 जमाती ठीक

(देवेंद्र शुक्ला)झज्जर के एनसीआई में भर्ती 154 पॉजिटिव जमातियाें में से 124 की रिपाेर्ट निगेटिव आई है। करीब 22 दिन से ये मरीज नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज करवा रहे हैं। इनमें से कई विदेशी नागरिक भी हैं। इनमें से 81 मरीजाें काे रिपाेर्ट निगेटिव आने के बाद दूसरे टाॅवर में शिफ्ट किया गया है। इनके ठीक हाेने से पूरा टीम का हाैसला बढ़ा है। टीम ने बताया कि मरीजों की घर वालों से वीडियो कॉल करवाई गई ताकि वे तनाव में न आएं। वहीं, आधी रात को भी उनका मनचाहा खाना दिया गया। इस वजह से मरीज जल्दी ठीक हो गए।

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया गया
दिल्ली से 31 मार्च को डीटीसी की 3 बसों के जरिए सबसे ज्यादा 120 जमातियों को एनसीआई कोविड-19 रेफरल अस्पताल में लाया गया था। इसके बाद भी जमाती दिल्ली से रेफर होकर आते रहे। अब 22 दिन तक इन सभी की एक परिवार की भांति सेवा की गई। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया गया। मेडिकल सेवा के साथ-साथ पौष्टिक और संतुलित आहार मुहैया कराया गया। संक्रमण से इन्हें दूर रखकर काउंसिलिंग की गई। तब जाकर 24 अप्रैल तक 154 में से 124 की रिपोर्ट निगेटिव आई है और 30 जमाती अब भी पॉजिटिव हैं। इन सभी का इलाज चल रहा है। इस दौरान दो बुजुर्ग जमातियों की मौत भी हुई है। लेकिन इसका कारण मरीजों के पहले से ही शुगर और दिल की बीमारी से ग्रसित होना माना जा रहा है।
एम्स प्रबंधन द्वारा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की केयर में तैनात किए गए नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि सबसे बड़ी जीत यह रही कि हमने किसी भी मरीज को तनाव में नहीं रहने दिया। उन्हें आधी रात को भी किसी चीज की जरूरत पड़ी तो वह भी मुहैया कराई गई। जिन मरीजों के पास चार्जर नहीं थे उन्हें मोबाइल चार्जर दिए गए। कई लोगों की वीडियो कॉल से उनके परिवार वालों से बात करवाई।

आधी रात को अनार का जूस मांगा तो वह भी दिया
नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उन्हें खुशी इस बात की है कि उनके सेवाकाल में यहां अधिकांश मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव से निगेटिव आई है। उन्हें स्पष्ट आदेश थे जब भी कोई मरीज किसी भी समय कोई जरूरत महसूस करता है या खाने पीने की चीज की उसकी इच्छा है तो उस इच्छा को एक कानून समझकर माना जाए। यहां तक कि किसी मरीज ने अगर आधी रात को अनार का जूस पीने की इच्छा जताई तो वह भी उसे दिया गया। आमलेट तो कई मरीजों ने किसी भी समय मांगा तो सुविधा भी दी गई।

81 जमातियों को किया था शिफ्ट
120 में से 81 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अब एम्स प्रबंधन ने सभी 81 लोगों को अलग टावर में शिफ्ट कर दिया है। पहले यह जमाती टावर नंबर एच-4 में थे। अब एच-3 में लाया है। यहां सामान्य बेड हैं, जबकि टावर नंबर 4 में पूरी तरह एक अस्पताल की भांति मेडिकल सर्विस, ऑक्सीजन के पाइप और मेडिकल चेयर की व्यवस्था है।

सभी की बेहतर देखभाल की गई
यहां जितने भी तब्लीगी जमात के पॉजिटिव मरीज आए। सभी की केयर बेहतर तरीके से की जा रही है। उसी का नतीजा है कि 154 में से 124 मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है।- डाॅ. एंजिलो राजन सिंह, प्रोजेक्ट ऑफिसर, एनसीआई बाढ़सा, झज्जर।

अस्पतालों में भर्ती व क्वारेंटाइन जमाती रख सकेंगे रोजा

रमजान महीने को लेकर सरकार भी अलर्ट है। सरकार ने कहा कि जो भी मुस्लिम हैं, वे रमजान में घर पर रहकर ही रोजा रखें। रोजादार सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए नमाज अदा करें। गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि यदि अस्पतालों में कोई जमाती भर्ती है या क्वारेंटाइन किए हुए हैं तो वे वहां भी रोजा रख सकते हैं। वहां नमाज पढ़ सकेंगे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है। बता दें कि प्रदेश के नूंह, पलवल, फरीदाबाद, गुड़गांव, यमुनानगर, पानीपत, अंबाला आदि जिलों में मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या काफी है और इनमें हजारों लोग रोजा भी रखते हैं। हालांकि उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखना होगा।



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No tension, family members used to get video calls, 124 collected in 154 days in 22 days


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