15 से सरसों व 20 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू होगी। सरकार के आदेश पर प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। सरकार व प्रशासन की ओर से जठलाना, गुमथला व रादौर की अनाज मंडियों में से किसी अनाज मंडी को सरसों की फसल का खरीद केंद्र नहीं बनाया गया है। जिले में जगाधरी व यमुनानगर में सरसों की फसल के खरीद केंद्र बनाए गए हैं जिसके चलते अब क्षेत्र के किसानों को सरसों की फसल बेचने के लिए जगाधरी या फिर यमुनानगर जाना पड़ेगा। मार्केट कमेटी सचिव जयसिंह ने बताया कि क्षेत्र में सरसों की फसल बहुत ही कम किसान उगाते हैं। फिलहाल रादौर क्षेत्र में सरसों की फसल के खरीद केंद्र से संबंधित उनके पास कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है। सरसों उत्पादक किसानों को जगाधरी व यमुनानगर में बने खरीद केंद्रों में ही अपनी सरसों की फसल को बेचना होगा।
गेहूं खरीद के लिए राइस मिलों को केंद्र बनाने के लिए भेजी गई डिमांड
कोरोना वायस के चलते इस बार गेहूं की सरकारी खरीद 20 अप्रैल से शुरू होगी। खरीद केंद्रों पर किसानों की भीड़ कम हो व सोशल डिस्टेंसिंग बनी रही इसलिए खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है। मार्केट कमेटी सचिव जयसिंह ने बताया कि फिलहाल क्षेत्र में गेहूं खरीद का कोई केंद्र निर्धारित नहीं किया गया। क्षेत्र के 7-8 राइस मिल को गेहूं खरीद केंद्र बनाने की योजना है जिसकी डिमांड सरकार व उच्चाधिकारियों के पास भेजी गई है। प्रतिदिन 100 किसानों की गेहूं की फसल ही खरीदी जाएंगी। 50 किसानों की गेहूं की खरीद सुबह आठ से दोपहर 2 बजे तक व 50 किसानों की गेहूं खरीद दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक की जाएंगी।
सरकार आढ़तियों के साथ करती है वादाखिलाफी
हरियाणा आढ़ती मंडी एसोसिएशन के जिला प्रधान शिव कुमार संधाला ने बताया कि सरकार आढ़तियों के साथ बार बार वादाखिलाफी करती है। सरकार ने गत वर्ष 2019-2020 में जो गेहूं खरीद की थी, उसमें सरकार ने घोषणा की थी कि अगर गेहूं का भुगतान जे फार्म कटने से 7 दिन लेट होता है तो सरकार 1 प्रतिशत के हिसाब से आढ़ती को ब्याज पे करेगी, लेकिन मांग करने के बाद ही उनका भुगतान नहीं किया गया। वहीं आढ़तियों के धान खरीद के पैसे अभी भी सरकार व संबंधित विभाग के पास पेंडिंग है। अगर सरकार आढ़तियों को परेशान करेंगी तो आढ़ती सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि अभी तक न तो आढ़तियों को गेहूं खरीद के लिए बारदाना दिया गया है व न ही अनाज मंडियों में सरकार की ओर से लेबर की कोई व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह समय रहते मंडियों में लेबर की व्यवस्था करें, बाहर से बुलाई गई लेबर का पहले टेस्ट हो उसके बाद उसे काम पर लगाया जाए।
पोर्टल खुला, किसान करा सकते हैं फसल का रजिस्ट्रेशन
मार्केट कमेटी सचिव जयसिंह ने बताया कि 19 अप्रैल तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल भी खुला है। सरकारी खरीद के लिए किसान इस पोर्टल पर अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के किसानों की फसल की सरकारी समर्थन मूल्य पर ब्रिकी नहीं हो पाएगी। गत वर्ष की उपेक्षा इस बार किसानों ने अपनी फसलों का पंजीकरण ज्यादा कराया है। गेहूं के लिए इस बार 7 हजार अधिक किसान रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। अभी भी किसान गेहूं की फसल के रजिस्ट्रेशन के लिए मार्केट कमेटी ऑफिस पहुंच रजिस्ट्रेशन कराने में जुटेे हैं। वहीं सरसों के लिए मार्केट कमेटी में केवल एक किसान ही रजिस्ट्रेशन करवाया है।
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