
लॉकडाउन में शिक्षण संस्थान बंद हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए निजी स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की। ये सुविधा देने के साथ ही कुछ स्कूल संचालकों ने अभिभावकों पर प्रेशर बनाना शुरू कर दिया है कि जो अभिभावक फीस जमा नहीं कराएंगे उनके बच्चों के नाम काट दिया जाएगा। ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई के लिए शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी डीईओ व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। डिप्टी डीईओशिव कुमार धीमान का कहना है कि लॉकडाउन में तीन माह की फीस जमा कराने का दबाव बनाना गलत है। जो समर्थवान अभिभावक हैं, उनसे ही एक माह की फीस ली जा सकती है।
यातायात शुल्क भी नहीं मांग सकते हैं। पत्र में बताया गया है कि कोविड-19 संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। तीन माह की फीस के लिए बाध्य न किया जाए। केवल एक माह की फीस ही ली जा सकती है। लॉकडाउन में अभिभावकों के कारोबार भी प्रभावित हुए हैं। इस अधिनियम में होगी कार्रवाई पत्र के अनुसार अगर स्कूल वाले पालन नहीं करते हैं तो हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियमावली 2003 के नियम 158 ए क अंतर्गत कार्रवाई मंडल आयुक्त की अध्यक्षता में की जाएगी। इसकी शिकायत अभिभावक भी कर सकते हैं। उस पर त्वरित कार्रवाई होगी।
प्रिंसिपल से संपर्क कर एक माह की जमा करा सकते हैं फीस| साहनी जिला पब्लिक स्कूल में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बैठक हुई। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोरंजन सिंह साहनी ने बताया कि एसोसिएशन सरकार के सभी निर्देशों का पालन कर रही है। हरियाणा विद्यालय निदेशालय ने पत्र के माध्यम जारी निर्देश कि कोई भी निजी स्कूल तिमाही फीस न लेकर मासिक फीस लॉक डाउन के दौरान ले सकता है। इस दौरान परिवहन शुक्ल नहीं लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में वे स्कूल के प्रिंसिपल से सम्पर्क करके फीस लॉक डाउन के बाद जमा करवा सकते हैं। फीस न देने की वजह से किसी भी विद्यार्थी का नाम स्कूल नहीं काटा जा सकता। उन्हाेंने सभी निजी स्कूलों से आह्वान किया है कि सभी स्कूल सरकार के नियमों का सख्ती से पालन करें।
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