
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा का परिणाम शुक्रवार देर शाम जारी हो गया। इस बार रेवाड़ी ने खास मुकाम हासिल करते हुए प्रदेशभर में नंबर-1 स्थान हासिल की है। जिले में 70.97% विद्यार्थी पास हुए। 70 से अधिक पास प्रतिशतता वाले केवल दो ही जिले प्रदेश में रहे। दूसरे नंबर जींद के 70.05 विद्यार्थी पास हुए हैं। बाकी सभी 20 जिलों का परिणाम 70% से नीचे रहा। बेशक परिणाम में हमारा पिछली बार की तुलना में 1.54 प्रतिशत ही सुधार है, मगर हमें बोर्ड टॉपर बनने के लिए सिर्फ एक ही पायदान ऊपर चढ़ना था।
परिणाम में बेशक अभी सुधार की गुंजाइश है, लेकिन दूसरे जिलों से तुलना करें तो परिणाम शानदार रहा है। पिछले 5 सालों में रेवाड़ी एक एक कदम ऊपर चढ़ रहा है। वर्ष 2016 में 5वे, 2017 में चौथे, 2018 में हम तीसरे नंबर पर थे। 2019 में दूसरा नंबर रहा और इस बार प्रथम स्थान पर है। सफलता की सीढ़ियां चढ़ते रेवाड़ी पर पूरा शिक्षा विभाग गदगद है। रेवाड़ी को टॉप लाने का अधिकारियों का दावा कामयाब रहा। इस बार जिले के 11107 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे, इनमें से 7883 पास हुए।
लड़कियां चैंपियन... बोर्डटॉप-3 में तीनों छात्राएं
10वीं के परिणाम में पिछली बार की तरह इस बार भी लड़कियां का दबदबा कायम है। जिले की बात करें तो यहां प्रदेश भर में बोर्ड टॉप-3 में 3 विद्यार्थी हैं। नारी शक्ति के लिए गर्व का विषय है कि तीनों ही छात्राएं हैं। बता दें कि बोर्ड टॉपर हिसार की रिशिता रही है। जबकि टॉप-2 में 5 विद्यार्थी हैं। टॉप-3 में रेवाड़ी की तीन छात्राओं सहित कुल 9 विद्यार्थी शामिल हैं।
मिलिए हमारे टॉपर्स से- तीनों छात्राएं बराबर 498 अंक लेकर जिले की टॉपर बनीं
किरण कुमावत : सरकारी स्कूल में पढ़कर टॉपर, डॉक्टर बनने का सपना
मसानी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़कर बोर्ड टॉप-3 में जगह बनाने वाली किरण कुमावत बताती हैं कि उसकी सफलता के पीछे शिक्षकों का कुशल मार्गदर्शन और उसके परिवार का सहयोग रहा। शुरूआती स्कूल शिक्षा से ही उसके जेहन में था कि मेहनत करो केा मुकाम हासिल किया जा सकता है।
परिवार में कभी मोबाइल चलाने और टीवी देखने की आदत का माहौल नहीं रहा। ट्यूशन की बजाय 12वीं की परीक्षा दे चुके बड़े भाई देवेंद्र ने घर पढ़ाया। पिता खेमराज कुमावत निजी कंपनी में काम करते हैं। मूल रूप से अजमेर का रहने वाली किरण परिवार के साथ डूंगरवास में रह रही हैं।
भूमिका : मन किया तब किताब उठा ली, आईपीएस बनने का सपना
राव दीनाराम विद्या विहार स्कूल, हालुहेड़ा की छात्रा एवं गांव कालूवास की रहने वाली भूमिका भी जिला की टॉपर हैं। भूमिका बताती हैं कि उसने पढ़ाई के लिए कोई विशेष शेड्यूल नहीं बनाया था। बस जब मन किया तो किताब उठा ली।
विशेषतौर से उसे एकांत में पढ़ाई करना पसंद आता रहा। भूमिका के किसान पिता विनोद कुमार का कहना है कि उनका सपना है कि उनके दोनों बच्चे पढ़कर कामयाब हो जाएं तो उनकी मेहनत सफल हो जाएगी। भूमिका अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों के मार्गदर्शन और परिवार के सहयोग के साथ खुद की मेहनत को देती हैं।
मनु : पढ़ाई को हमेशा दी प्राथमिकता, टीचर बनने का सपना
सरस्वती विहार सी.से. स्कूल, धामलाका की छात्रा एवं गांव छुरियावास निवासी मनु भी जिला की टॉपर हैं। मनु का सपना है कि वह टीचर बनना चाहती है। मनु बताती हैं कि उसने पढ़ाई को ही हमेशा प्राथमिकता दी है। मोबाइल से पढाई के समय दूरी बनाई। स्कूल में जो पढ़ाया उसे घर पर आकर जरूर रिवीजन करना होता था। सबसे बड़ी बात ये कि जब क्लास में कुछ समझ न आए तो टीचर से जरूरी पूछें। अपनी सफलता के लिए गुरुजनों और परिवार के सहयोग और मागदर्शन को दिया।
3 वजह; इनसे हम अव्वल रहे : डीईओ राजेश कुमार बता रहे हैं...
1. टीचर कमिटमेंट : शिक्षकों से भी कमिटमेंट ले रहे थे कि वे शिक्षण के प्रति और समर्पित भाव से काम करेंगे। शिक्षकों ने खुद संकल्प लिया और बेहतर परिणाम से साबित किया।
2. अटेंडेंस जरूरी : स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति अच्छी हो तो पढ़ाई का स्तर बढ़ता ही है। हमारा पूरा फोकस रहा कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी कक्षाओं में पहुंचे।
3. टीम वर्क : टीम वर्क का नतीजा है कि रेवाड़ी प्रदेश में टॉप रहा है। विभाग के मार्गदर्शन और डीसी यशेंद्र सिंह के जिला में नेतृत्व के साथ ही अधिकारियों और शिक्षकों ने टीम वर्क दिखाया।
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