रेवाड़ी में कोरोना से ज्यादा संक्रमित के शव से डर रहे लोग, 6 मृतकों में 3 के संस्कार का विरोध, बदलना पड़ा श्मशानघाट

रेवाड़ी में कोरोना के 596 मामले सामने आ चुके हैं, मगर लोग घातक वायरस से इतना नहीं कतरा रहे, जितना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव से डर रहे हैं। लोग संक्रमित की माैत हाेने पर श्मशान में भी जगह देने को तैयार नहीं है। इसके चलते अंतिम संस्कार के समय जिला प्रशासन को हर बार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

बेशक बाद में थोड़ी सख्ती से लावारिसों वाले शेड या श्मशान परिसर की अलग खाली जगह पर मृतकों का संस्कार तो हुआ, मगर आपत्ति के चलते प्रशासन को डेड बॉडी लेकर एक से दूसरे श्मशान में घूमना जरूर पड़ा है। जिले में अभी तक 6 मृतक संक्रमितों में से 3 का अंतिम संस्कार प्रशासन की टीम ने किया है। तीनों बार विरोध हुआ और संस्कार के लिए जगह बदलनी पड़ी।

परेशानी खड़ी होती देख डीसी यशेंद्र सिंह के निर्देश पर नगर परिषद ईओ विजयपाल ने दिल्ली रोड स्थित श्मशान घाट प्रबंधन को चिट्ठी लिखी। सरकारी आदेशों का हवाला देकर इसी श्मशान में अंतिम संस्कार के निर्देश दिए। श्मशान प्रबंधन ने हामी तो भरी, मगर इन्होंने भी इसी श्मशान का हिस्सा साथ लगते बच्चों के श्मशानघाट में संक्रमित मृतकों के लिए अलग से चबूतरा बनाना शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने इसकी ईंटें उखाड़ फेंकीं।

प्रशासन को पत्र भेजा कि बच्चों के श्मशानघाट से छेड़छाड़ ठीक नहीं। अलग से जगह तय करें। लोगों का तर्क है कि इससे यहां आम मृतकों के संस्कार के समय संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। अब प्रशासन के सामने मृतकों का शांति से संस्कार का संकट है।

नप प्रशासक एवं एसडीएम रविंद्र यादव का कहना है कि श्मशानघाट को लेकर कुछ लोगों ने पत्र भेजा है। कोई एक श्मशानघाट कोरोना संक्रमित मृतकों के संस्कार के लिए तय कर समाधान निकालेंगे। संभव है हम कल तक फाइनल कर दें।

सिस्टम की खामी... शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए घूमती रही टीम
केस - 1: श्मशानघाट का गेट ही बंद कर दिया :
26 जून को शहर के अजय नगर निवासी एक 54 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना की वजह से मौत हो गई थी। शव को दाह संस्कार के लिए गढ़ी बोलनी रोड स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। यहां लोगों ने इसका विरोध किया और गेट तक बंद कर दिए। स्थानीय लोगों ने तर्क दिया कि जिस एरिया के मरीज की मृत्यु हो, उसका उसी इलाके के श्मशान में संस्कार होना चाहिए। कुछ लोगों का कहना था कि संस्कार के बाद नप द्वारा न तो सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है और ना पर्ची कट रही है। आखिर नगर परिषद टीम ने मृतक के एरिया के ही श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया।

केस - 2 : पुलिस बुलाकर कराया अंतिम संस्कार : 23 जून को धारूहेड़ा निवासी एक 58 वर्षीय नेपाली व्यक्ति की मौत के बाद शव को दिल्ली रोड स्थित श्मशान ले जाया गया, जहां नगर परिषद के ईओ विजयपाल की मौजूदगी में दाह संस्कार होना था, मगर कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद शव को गढ़ी बोलनी रोड स्थित श्मशान लाया गया। यहां कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। विरोध की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद लोग समझाने पर माने। अधिकारियों ने आम शवों के लिए तय शेड की बजाय श्मशान के अंदर अलग जमीन पर संस्कार कराया।



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रेवाड़ी | दिल्ली रोड पर श्मशानघाट में बनाए चबूतरे की ईंटें हटाते लोग।


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