मनोहर लाल सरकार ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह की अध्यक्षता में गठित की कमेटी

हुड्‌डा सरकार में भर्ती हुए बर्खास्त 1983 पीटीआई को गेस्ट टीचरों की तर्ज पर एडजस्ट किया जा सकता है, क्योंकि सरकार ने इन पीटीआई को लेकर बिजली मंत्री रणजीत सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है। जिसमें सीएम के प्रधान सचिव आरके खुल्लर, करनाल से सांसद संजय भाटिया और सीएम के राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी को शामिल किया गया है।

यह हायर लेवल की कमेटी कर्मचारियों की सदस्यीय कमेटी के साथ रणजीत सिंह की चंडीगढ़ स्थित आवास पर बातचीत कर चुकी है। इसमें गेस्ट टीचर की तर्ज पर इन्हें एडजस्ट करने को लेकर चर्चा हुई है। कर्मचारियों से कहा कि वे खुद ही ड्राफ्ट तैयार कर लें। ड्राफ्ट तैयार भी हो चुका है, लेकिन कर्मचारी पहले अपनी बहाली का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उनसे करनाल में वार्ता भी होगी।

बता दें कि गेस्ट टीचर के लिए भी सरकार विधानसभा के सत्र में विधेयक लेकर आई थी, इसके अनुसार वे रिटायरमेंट की 58 साल की उम्र तक नौकरी पर बने रहेंगे। बिजली मंत्री एवं कमेटी अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि कमेटी का गठन हाे चुका है। एक बार कर्मचारियों से बातचीत भी हो चुकी है। जल्द ही उन्हें दोबारा बातचीत की जाएगी।

हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ के प्रदेश संरक्षक राजेश ढांडा का कहना है कि हम सरकार से विधानसभा में उनकी बहाली के लिए विधेयक लाने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की जाएगी। साथ ही सभी लोकसभा और राज्यसभा के 15 सांसदों को ज्ञापन दिए जाएंगे।

कर्मचारियों की 11 सदस्यीय कमेटी में ये हैं शामिल : कर्मचारियों की 11 सदस्यीय कमेटी में जगबीर मलिक, राजेश ढांढा, नवीन मलिक, रविंद्र चौहान, गुरदेव सिंह, श्रीभगवान, सत्यनारायण, बृजेश, सुनील दत्त, कमला और कविता को शामिल किया गया है। कमेटी सदस्यों का कहना है कि उन्हें दोबारा से नौकरी पर बहाल किया जाए। साथ ही जिन मृत पीटीआई के परिजनों की वित्तीय सुविधा बंद की गई है, वह भी दोबारा जारी की जाए।

वर्ष 2006 में हुई थी भर्ती
हुड्डा सरकार में मई 2006 में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से 1983 पीटीआई की भर्ती निकाली गई थी। इसके बाद 2008 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई तो कई बार चयन प्रक्रिया बदली गई। आखिरकार 2010 में इंटरव्यू के आधार पर भर्ती हुई। परंतु मामला हाई कोर्ट में चला गया। वहां से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और भर्ती की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कार्ट ने भर्ती रद्द करने के आदेश दिए। जिसके बाद शिक्षा विभाग ने सभी पीटीआई को बर्खास्त कर दिया।



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हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह। फाइल फोटो


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दादरी में बिजली चोरी पकड़ने गई विजिलेंस टीम को डेढ़ घंटे बनाया बंधक, 12 पर केस

गांव मंदौला में बिजली चोरी पकड़ने आई रेवाड़ी विजिलेंस व पुलिस कर्मचारियों पर ग्रामीणों ने लाठी डंडों से हमला कर दिया और पूरी टीम को बंधक बना लिया। वहीं गाड़ी में बैठे चालक ने तुरंत रेवाड़ी हेड ऑफिस में फोन कर हमले की सूचना दी। घटना के करीब एक घंटे बाद सूचना पाकर झोझू कलां थाना एसएचओ व डीएसपी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने ग्रामीणों को समझा कर टीम को आजाद कराया।

विजिलेंस कर्मचारियों ने इसकी शिकायत झोझू कलां थाना पुलिस को दी है। करीब 12 महिलाओं व अन्य लोगों पर केस दर्ज कर लिया है। सभी घायल कर्मचारियों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गांव मंदौला से विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि गांव का लीलूराम बिजली लाइन से सीधी केबल जोड़कर अपने घर पर लगी एसी व कूलर चला रहा है।

रेवाड़ी विजिलेंस से जेई संदीप नेहरा और एएसआई चंद्रभान के नेतृत्व में टीम गठित कर कार्रवाई करने मंदौला पहुंची, जहां टीम ने एसी के लिए सीधी लाइन से जोड़ी केबल की वीडियो बनानी शुरू कर दी। यह देख मकान में रह रहे लोगों को पता चल गया और महिलाएं व पुरुषों ने एकत्रित होकर लाठी डंडों से टीम को पीटना शुरू कर दिया। वहीं, जेई संदीप नेहरा समेत एएसआई चंद्रभान, हवलदार सतपाल व हवलदार भूपेंद्र को जबरन पकड़ कर मकान के अंदर ले गए।

वहीं गाड़ी में बैठा चालक सिपाही दीपक ने तुरंत हेड ऑफिस फोन कर वारदात की सूचना दी। सिविल अस्पताल में उपचार कराने पहुंचे जेई संदीप नेहरा ने बताया कि पुलिस कर्मचारियों को लोगों ने मकान में बंधक बना लिया। वहीं, संदीप नेहरा को जबरन घसीटते हुए महिलाएं चौबारे में ले गईं। जेई के अनुसार चौबारे में महिलाओं ने अपने कपड़े फाड़ने शुरू कर दिए और एक युवक ने उनकी वीडियो बनानी शुरू कर दी।

टीम सदस्य एएसआई चंद्रभान ने बताया कि उनकी टीम को शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे हमला कर मकान के अंदर बंधक बना लिया था। वहां, जेई को ऊपर चौबारे में ले गए और पुलिस कर्मचारियों को लाठी डंडों से पीटते रहे। करीब 12:30 बजे झोझू कलां झोझू कलां थाना प्रभारी दलबीर सिंह ने कहा कि विजिलेंस की टीम के साथ मारपीट कर बंधक बनाने की शिकायत मिल चुकी है। विजिलेंस टीम ने जो लिखित शिकायत दी है उस पर कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही हमलावरों को दबोच लिया जाएगा।



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अस्पताल पहुंचे विजिलेंस कर्मचारी।


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हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी: पिछला टॉपर दादरी 8वें पर आया, मेवात टॉप-5 से पहुंचा सबसे पीछे

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने शुक्रवार रात को अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के दसवीं कक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इस बार परीक्षा का परिणाम पिछले 10 वर्षों में सबसे बेहतर रहा। अगर जिला अनुसार बात करें तो पिछली बार दूसरे नंबर पर रहा जिला रेवाड़ी इस बार टॉपर हैं।

रेवाड़ी कुल 70.97 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। वहीं, पिछले वर्ष टॉप पर रहा जिला चरखी दादरी आठवें स्थान पर खिसक गया। परिणाम में सबसे ज्यादा सुधार यमुनानगर जिले में हुआ है। पिछले वर्ष यमुनानगर प्रदेश में सबसे फिसड्डी था और केवल 42.24 प्रतिशत ही था, लेकिन इस बार यमुनानगर प्रदेश में छट्ठे स्थान पर है और कुल 67.96 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं।

खास बात यह है कि इस बार शिक्षामंत्री भी यमुनानगर जिले से ही हैं। मेवात जिला जो पिछली बार टॉप-5 में 5वें स्थान पर था, वह इस बार प्रदेश में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। मेवात में केवल 56.18 प्रतिशत ही बच्चे पास हुए हैं। इस बार के टॉप बच्चों में सबसे ज्यादा बच्चे हिसार जिले के हैं, लेकिन जिलों के मामले में हिसार प्रदेश में आठवें स्थान पर है। प्रदेश का ओवरआॅल पास प्रतिशत इस बार 64.59 प्रतिशत रहा। प्रदेश के 11 जिले ऐसे हैं, जिनका पास प्रतिशत इस ओवरआॅल प्रतिशत से ज्यादा रहा और 11 ही जिलों का इससे कम रहा।

गणित में सबसे ज्यादा 75 हजार बच्चे हुए फेल
इस बार 10वीं कक्षा के बच्चे गणित की परीक्षा में सबसे ज्यादा कच्चे निकले। कुल 75539 बच्चे गणित की परीक्षा में फेल हो गए। वहीं, अंग्रेजी की परीक्षा में फेल होने वालों की संख्या 60 हजार से ज्यादा रही। सबसे ज्यादा हैरानी की बात है कि फिजिकल एजुकेशन में भी 30 हजार से ज्यादा बच्चे फेल हो गए।

फिर आगे निकला शहरी क्षेत्र : पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्र का परिणाम शहरी क्षेत्र से बेहतर रहा था। ग्रामीण क्षेत्र में कुल 58.49 प्रतिशत तो शहरी क्षेत्र में केवल 54.19 प्रतिशत बच्चे पास हुए थे, लेकिन इस बार शहरी क्षेत्र में कुल 65 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 64.39 प्रतिशत बच्चे पास हुए हैं। यानि शहरी क्षेत्र पिछले साल पिछड़ने के बाद इस बार फिर से आगे निकल गया है।

टॉप-3 स्थान के लिए 15 बच्चों ने मारी बाजी
इस बार के परिणाम में टॉप 3 स्थानों के लिए 15 बच्चों ने बाजी मारी है। इसमें पहले स्थान पर 1, दूसरे स्थान पर 5 और तीसरे स्थान पर 9 बच्चे हैं। इन 15 में 14 लडकियों ने स्थान बनाया है जबकि लडका केवल एक ही है। इन 15 नामों में से 9 बच्चे अकेले हिसार जिले के हैं। पहले 7 बच्चे भी हिसार जिले से ही हैं। टॉप बच्चों में सबसे ज्यादा नारनौंद क्षेत्र के हैं। टॉप तीन के लिए 15 नामों में रेवाड़ी के 3, जींद, रोहतक और कैथल का एक-एक बच्चा है।



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हिसार| 10वीं कक्षा के परिणाम में अव्वल रहने के बाद एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार करतीं छात्राएं।


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रेवाड़ी में कोरोना से ज्यादा संक्रमित के शव से डर रहे लोग, 6 मृतकों में 3 के संस्कार का विरोध, बदलना पड़ा श्मशानघाट

रेवाड़ी में कोरोना के 596 मामले सामने आ चुके हैं, मगर लोग घातक वायरस से इतना नहीं कतरा रहे, जितना संक्रमित की मौत के बाद उसके शव से डर रहे हैं। लोग संक्रमित की माैत हाेने पर श्मशान में भी जगह देने को तैयार नहीं है। इसके चलते अंतिम संस्कार के समय जिला प्रशासन को हर बार विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

बेशक बाद में थोड़ी सख्ती से लावारिसों वाले शेड या श्मशान परिसर की अलग खाली जगह पर मृतकों का संस्कार तो हुआ, मगर आपत्ति के चलते प्रशासन को डेड बॉडी लेकर एक से दूसरे श्मशान में घूमना जरूर पड़ा है। जिले में अभी तक 6 मृतक संक्रमितों में से 3 का अंतिम संस्कार प्रशासन की टीम ने किया है। तीनों बार विरोध हुआ और संस्कार के लिए जगह बदलनी पड़ी।

परेशानी खड़ी होती देख डीसी यशेंद्र सिंह के निर्देश पर नगर परिषद ईओ विजयपाल ने दिल्ली रोड स्थित श्मशान घाट प्रबंधन को चिट्ठी लिखी। सरकारी आदेशों का हवाला देकर इसी श्मशान में अंतिम संस्कार के निर्देश दिए। श्मशान प्रबंधन ने हामी तो भरी, मगर इन्होंने भी इसी श्मशान का हिस्सा साथ लगते बच्चों के श्मशानघाट में संक्रमित मृतकों के लिए अलग से चबूतरा बनाना शुरू कर दिया। गुस्साए लोगों ने इसकी ईंटें उखाड़ फेंकीं।

प्रशासन को पत्र भेजा कि बच्चों के श्मशानघाट से छेड़छाड़ ठीक नहीं। अलग से जगह तय करें। लोगों का तर्क है कि इससे यहां आम मृतकों के संस्कार के समय संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। अब प्रशासन के सामने मृतकों का शांति से संस्कार का संकट है।

नप प्रशासक एवं एसडीएम रविंद्र यादव का कहना है कि श्मशानघाट को लेकर कुछ लोगों ने पत्र भेजा है। कोई एक श्मशानघाट कोरोना संक्रमित मृतकों के संस्कार के लिए तय कर समाधान निकालेंगे। संभव है हम कल तक फाइनल कर दें।

सिस्टम की खामी... शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए घूमती रही टीम
केस - 1: श्मशानघाट का गेट ही बंद कर दिया :
26 जून को शहर के अजय नगर निवासी एक 54 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना की वजह से मौत हो गई थी। शव को दाह संस्कार के लिए गढ़ी बोलनी रोड स्थित श्मशान घाट ले जाया गया। यहां लोगों ने इसका विरोध किया और गेट तक बंद कर दिए। स्थानीय लोगों ने तर्क दिया कि जिस एरिया के मरीज की मृत्यु हो, उसका उसी इलाके के श्मशान में संस्कार होना चाहिए। कुछ लोगों का कहना था कि संस्कार के बाद नप द्वारा न तो सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है और ना पर्ची कट रही है। आखिर नगर परिषद टीम ने मृतक के एरिया के ही श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया।

केस - 2 : पुलिस बुलाकर कराया अंतिम संस्कार : 23 जून को धारूहेड़ा निवासी एक 58 वर्षीय नेपाली व्यक्ति की मौत के बाद शव को दिल्ली रोड स्थित श्मशान ले जाया गया, जहां नगर परिषद के ईओ विजयपाल की मौजूदगी में दाह संस्कार होना था, मगर कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद शव को गढ़ी बोलनी रोड स्थित श्मशान लाया गया। यहां कुछ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। विरोध की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद लोग समझाने पर माने। अधिकारियों ने आम शवों के लिए तय शेड की बजाय श्मशान के अंदर अलग जमीन पर संस्कार कराया।



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रेवाड़ी | दिल्ली रोड पर श्मशानघाट में बनाए चबूतरे की ईंटें हटाते लोग।


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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ डेढ़ घंटा चली बैठक; जेपी नड्‌डा से मिलकर मुख्यमंत्री बोले- प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा जल्द

प्रदेश में भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष के नाम का ऐलान जल्द कर दिया जाएगा। सीएम मनोहर लाल ने इस संबंध में गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से नई दिल्ली में करीब डेढ़ घंटा तक मुलाकात की। सीएम ने नए प्रदेशाध्यक्ष और बरौदा उप चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया। इसके अलावा प्रदेश में नई नियुक्तियों को लेकर गहन मंथन हुआ।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बातचीत के बाद सीएम ने कहा कि जल्द ही नए प्रदेशाध्यक्ष का ऐलान होगा। इसमें अब देरी नहीं होनी चाहिए। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उन्होंने साफ किया कि फिलहाल ऐसी कोई योजना ही नहीं है। जब करना होगा, तब किया जाएगा।

यूपी के गैंगस्टर विकास दूबे को लेकर सीएम ने कहा कि हरियाणा पुलिस को जब जानकारी मिली तो छापेमारी की गई थी। खुद डीजीपी इस मामले को देख रहे थे। इसमें हरियाणा की ओर से किसी तरह की चूक नहीं हुई। जब हरियाणा पुलिस की टीम पहुंची, तब विकास दूबे निकल चुका था, जो आरोपी पकड़ा है, उसे यूपी पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर ले गई है। बेरोगजारी के मामले में विपक्ष द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर सीएम ने कहा कि यह बिना सिर पैर के आंकड़े हैं।

केंद्र से मांगे 500 करोड़ रुपए : सीएम ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकत की। हरियाणा में एक लाख हेक्टेयर से अधिक एरिया में किसानों ने धान छोड़कर दूसरी फसलें उगाने का निर्णय लिया है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए केंद्र से 500 करोड़ रुपए मांगे हैं।



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सीएम ने नए प्रदेशाध्यक्ष और बरौदा उप चुनाव को लेकर विचार विमर्श किया। फाइल फोटो


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राेहतक के माेखरा गांव के अजमेर मलिक और उनकी पत्नी अनिता मलिक अन्य लाेगाें के लिए मिसाल

(महबूब अली)राेहतक के माेखरा गांव के 47 वर्षीय अजमेर सिंह मलिक और उनकी पत्नी अनिता मलिक ने करीब 20 साल पहले पड़ाेसी से 1600 रुपए उधार लेकर मछली पालन शुरू किया था। अब देश से लेकर विदेशों तक में मछली से लेकर झिंगा पालन को लेकर उनकी धूम है।

हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, राजस्थान, असम, उत्तराखंड में भी दंपती ने मछली पालन शुरू कर दिया है। अजमेर विदेशों में भी कई बार मछली पालन की ट्रेनिंग ले चुके हैं। अब हर माह दंपती करीब 18 लाख रुपए तक कमा रहे हैं। देशभर के करीब 600 से अधिक लाेगाें काे भी राेजगार दिया हुआ है। कई सामाजिक संगठनाें के अलावा मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी भी दंपति काे सम्मानित कर चुके हैं।

वर्तमान में विदेशियों काे भी ऑनलाइन मत्स्य पालन के गुर दे रहे हैं। देश के विभिन्न राज्याें में जाकर वह लाेगाें काे मछली पालन करने के प्रति प्रेरित करते हैं।

मूलरूप से राेहतक के माेखरा गांव के अजमेर सिंह मलिक बताते हैं कि वह अक्सर हिसार के डाबड़ा और अन्य गांव में आकर किसानों काे मत्स्य पालन के प्रति भी जागरूक करते रहते हैं। करीब 20 साल पहले उन्होंने व पत्नी ने मछली पालन करने की साेची थी। इसके लिए उन्हें उस समय राेहतक के जिला फिशरीज अधिकारी रहे रमेश दांगी और एक अन्य ने मूटीवेट किया था। उन्हाेंने पड़ाेसी से 1600 रुपए उधार लेकर गांव के ही छाेटे से तालाब में मछली पालन शुरू किया। इसके बाद वह अपने काराेबार काे बढ़ाते चले गए।

दाेनाें ने मिलकर धीरे-धीरे राजस्थान, अहमदाबाद, भाेपाल, बंगलाैर, असम, उत्तराखंड और अन्य राज्याें में भी मछली पालन से लेकर झिंगा पालन शुरू कर दिया। अब स्थिति यह है कि हर माह करीब 18 लाख रुपये का मुनाफा दंपती काे हाे रहा है। यहीं नहीं आस्ट्रेलिया, स्विजरलैंड, न्यूजीलेँड के लाेग ऑनलाइन ही अजमेर से मत्स्य पालन के गुर भी सीखते हैं।

कई विधियाें से करा रहे मछली पालन
अजमेर हरियाणा के अलावा राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश में कई विधियाें से मछली पालन करा रहे हैं। जिनमें मुख्य रूप से सूखा बांध प्रजनन विधि, अत्याधुनिक जाल बिछाकर मछली पालन, प्रदूषित पानी काे शुद्ध कर मछली पालन आदि प्रमुख है।

विश्व एक्वाकल्चर साेसायटी संयुक्त राज्य अमेरिका के भी सदस्य हैं दंपती
अजमेर सिंह और उनकी पत्नी अनिता विश्व एक्वाकल्चर साेसायटी संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडिया एक्वाकल्चर साेसायटी के भी लाइफ टाइम सदस्य हैं। इसके अलावा वह पचास से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्र स्तरीय प्रदर्शनी और कार्यशालाओं में भी हिस्सा ले चुके हैं।

विदेश में ले चुके ट्रेनिंग : अजमेर के अनुसार हाल ही में उन्हें कृषि मंत्रालय ने डेनमार्क भेजा था। जहां पर उन्हाेंने मछली पालन की नई तकनीक सीखी। इससे पूर्व इंडाेनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया में भी ट्रेनिंग ले चुके हैं।



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मछली पालन की जानकारी देते अजमेर सिंह मलिक


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3 भाइयों में खूनी संघर्ष, छह लोग जख्मी, तीनों सगे भाइयों ने झगड़ेे को लेकर एक दूसरे पर लगाए आरोप-प्रत्यारोप

ढाणी गोपाल में जमीनी विवाद के चलते सगे भाइयों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें दोनों ही पक्षों के एक महिला सहित 6 लोग घायल हुए हैं। घायलों में नवीन, भतेरी व सूरजभान कड़वासरा शामिल है। दूसरे पक्ष के जय राम व रामस्वरूप तथा जोगिन्द्र को गंभीर चोट आई है। जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भूना में उपचार के लिए लाया गया। मगर इनकी हालत गंभीर होने के कारण फतेहाबाद रेफर कर दिया। तीनों सगे भाइयों ने झगड़ेे को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाया है।

अमर सिंह कड़वासरा के तीन बेटों के बीच करीब सात एकड़ जमीन बंटवारे को लेकर पिछले कई दिनों से विवाद चला आ रहा है। वीरवार को जयराम व रामस्वरूप एक पक्ष में थे तथा सूरजभान विरोधी पक्ष मेंं था। वीरवार को दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर तेजधार हथियारों व लाठी-डंडों से हमला कर दिया। एक पक्ष के सूरजभान ने बताया कि उसके दो भाई जय राम व रामस्वरूप अच्छी जमीन पर कब्जा किए हुए हैं और हल्की किस्म की जमीन होने देरखी हैं।

उधर, पुलिस बयान में जय राम व रामस्वरूप बताया कि उनका सूरजभान के बीच आपस में जमीनी विवाद चला आ रहा था। जिसके कारण वीरवार की दोपहर को नवीन व उसकी पत्नी वासी ढाणी गोपाल, प्रीतम व डेनी निवासी जुगलान तथा अन्य 7-8 लोगों ने अचानक हमला कर दिया। पुलिस जांच अधिकारी कश्मीर सिंह ने बताया कि घायलों के बयान लेकर मामले दोनों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

भट्टूकलां में बुजुर्ग को पीटने से मौत, मामला दर्ज
भट्टू गांव में रेलवे स्टेशन के समीप रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति की कुछ लोगों ने उसके घर में घुसकर पीट-पीट कर हत्या कर दी। पुलिस ने मृतक का अग्रोहा मेडिकल काॅलेज से पोस्टमार्टम करवा कर शव उसके परिजनों को सौंप दिया। इस घटना में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ घर में घुसकर हत्या करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस को दी शिकायत में भट्टू निवासी विनोद कुमार ने बताया कि उनका परिवार रेलवे स्टेशन के समीप शनि मंदिर के पास रहता है। उसके पिता मंगतराम ने फकीरी का चोला धारण कर रखा था।

बुधवार शाम घर में उसके अलावा पिता व छोटी बहन घर पर थे। इसी दौरान भट्टू निवासी हेमंत व उसका भाई योगेश, हेमंत का दोस्त मनोज व छोटू उसके घर आए व हमलावरों ने उसके पिता करीब 60 वर्षीय मंगतराम को पीट - पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।

गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग को भट्टू के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाया गया। जहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद अग्रोहा मेडिकल में भर्ती करवाया गया। उपचार के दौरान घायल मंगतराम ने देर रात्री दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में घर में भट्टू निवासी हेमंत, योगेश, छोटू व भिवानी निवासी मनोज के खिलाफ त मामला दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी विरेन्द्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने बुजुर्ग की हत्या के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।



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Bloody conflict among 3 brothers, six injured


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